उज्जैन: खाचरौद तहसील की तीन गौशालाओं की 21.29 हेक्टेयर जमीन कलेक्टर के निर्देश पर अतिक्रमण मुक्त हुई

उज्जैन: खाचरौद तहसील की तीन गौशालाओं की 21.29 हेक्टेयर जमीन कलेक्टर के निर्देश पर अतिक्रमण मुक्त हुई

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-11 07:40 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, उज्जैन। उज्जैन जिले के मुखिया का सुदूर गांव का भ्रमण हमेशा ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं को मौके पर निराकरण करने के लिए एक अच्छा अवसर होता है। इस मौके का फायदा जहां ग्रामीण वरिष्ठ अधिकारी से रूबरू मिलकर अपनी समस्याओं को सुलझाने में करते हैं वही ऐसी अज्ञात समस्याएं भी तुरंत मौके पर निपट जाती है जो चलकर जिला मुख्यालय तक नहीं आ पाती है। ऐसा ही एक वाकया पिछले दिनों उज्जैन कलेक्टर श्री आशीष सिंह के खाचरोद तहसील की विभिन्न गौशालाओं के निरीक्षण दौरे पर हुआ। उन्होंने एक ही दिन में खाचरोद तहसील के बड़ागांव, भीकमपुर व नरसिंहगढ़ की गौशालाओं का निरीक्षण किया तथा हाल ही में बनकर तैयार हुई गौशालाओं के परिचालन के निर्देश मौके पर ही दिए । यहां पर ग्रामीणों ने बताया कि गौशाला जहां पर बनाई गई है उसके आसपास बड़ी मात्रा में शासकीय जमीन उपलब्ध है जिस पर कतिपय दबंगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। यदि उक्त जमीन अतिक्रमण से मुक्त हो जाती है तो गौशालाओं के संचालन में अत्यधिक सुविधा होगी ।गायों को चरनोई की भूमि उपलब्ध होगी साथ ही चरागाह का विकास भी किया जा सकेगा। कलेक्टर ने मौके पर ही तुरंत एसडीएम श्री वीरेंद्रसिंह दांगी को निर्देशित किया कि आगामी एक सप्ताह में उक्त गौशालाओं का अतिक्रमण हटा दिया जाए एवं जमीन का सीमांकन कर अधिग्रहित की गई जमीन को गौशाला संचालन समिति के सुपुर्द की जाए। कलेक्टर के निर्देश पर खाचरोद तहसील का प्रशासन सक्रिय हुआ और उन्होंने तीनों गांव की गौशाला की लगभग 21.29 हेक्टर जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवा दिया। इसमें बड़ागांव की 4.79 हेक्टेयर, भीकमपुर की 3.54 व नरसिंहगढ़ की 13 हेक्टेयर जमीन शामिल है। यही नहीं अतिक्रमण मुक्त करने के साथ-साथ ट्रेंच खोदकर जमीन का सीमांकन भी कर दिया गया है, जिससे बाहर के निजी पशु गोशाला की जमीन पर नही आ सकेंगे और ना हीं गौशाला में पल रही गाय बाहर जा सकेगी। इस तरह से कलेक्टर के दौरे से बेसहारा मूक पशुओं को बड़ा आसरा मिला वही गौशाला संचालन समिति भी उक्त जमीन को पाकर अत्यंत प्रसन्न है ।अब वे उक्त जमीन से चारा उत्पादित कर पशुओं का प्रबंध आसानी से कर सकेंगे।

Similar News