शासन की बिना स्वीकृति के कर दी 13 कर्मचारियों की नियुक्ति, अब वेतन के लाले
शासन की बिना स्वीकृति के कर दी 13 कर्मचारियों की नियुक्ति, अब वेतन के लाले
डिजिटल डेस्क सीधी। शासन से अनुबंध की कार्यवाही पूरी किये बिना तत्कालीन सिविल सर्जन ने 13 स्वास्थ्य कर्मचारियों की नियुक्ति तो कर दी पर अब वेतन नहीं मिल रहा है। शासन और शेडमैप भोपाल के बीच फंसे पेच के कारण नियुक्त कर्मचारियेां को वेतन के लिए भटकना पड़ रहा है।
कोरोना संक्रमण को लेकर जिला अस्पताल में तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. एसबी खरे ने 13 कर्मचारियों की आउट्सडोर शेडमैप के मार्फत नियुक्ति की थी। नियुक्ति के पांच माह गुजरने वाले हैं लेकिन तैनात कर्मचारियों को अभी तक एक भी महीने का वेतन नहीं मिल सका है। सिविल सर्जन की इस बीच अदला-बदली होने पर वेतन के संबंध में शासन को लिखा-पढ़ी तो खूब की गई पर वेतन भुगतान मेंं अटकी पेंच निकल नहीं सकी है। तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. खरे अनुबंध आदि की पूरी प्रक्रिया के बाद ही नियुक्ति करने की बात कर रहे हैं जबकि वर्तमान सिविल सर्जन डॉ. डीके द्विवेदी अनुबंध में पेंच फंसा होने का कारण बता रहे हैं। शासन से शेडमैप भोपाल का अनुबंध हो जाये और कर्मचारियों के वेतन की राशि शेडमैप के जरिए जिला अस्पताल को प्राप्त हो जाये तो कर्मचारियों का भुगतान लंबित न रहे पर इस दिशा में अभी तक कुछ भी नहीं हो रहा है। कोरोना संक्रमण के दौरान कलेक्टर दर पर नियुक्त किये गये कर्मचारी सेवाएं तो लगातार दे रहे हैं पर पारिश्रमिक न मिलने से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि नियुक्त किये गये कर्मचारियों में अधिकांश गरीब परिवार से संबंध रखते हैं जिन्हे अस्थायी नौकरी से रोजी-रोटी का आधार तो मिल गया था पर अनुबंध के लफड़े में अकारण ही पिसना पड़ रहा है। कर्मचारियों के वेतन के संबंध में जनप्रतिनिधियों के आग्रह पर कलेक्टर रवीन्द्र चौधरी, सिविल सर्जन डॉ. डीके द्विवेदी ने कई बार शासन और शेडमैप को पत्र लिखा है पर इसके बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल सका है।
एक-दूसरे पर मढ़ रहे आरोप
कोरोना वायरस संक्रमण से रोकथाम के लिए तैनात किये गये 13 कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़े हैं तो जिला अस्पताल के सिविल सर्जन पूर्व और वर्तमान पर आरोप मढ़ रहे हैं। दरअसल में कर्मचारियों की तैनाती के बाद मई महीने में डॉ. खरे सिविल सर्जन के पद से हटाये गये थे तब भी वेतन विसंगति का मामला ज्यों का त्यों बना रहा है। बाद में जब डॉ. डीके द्विवेदी सिविल सर्जन बने तो कर्मचारियों के वेतन का मामला सामने आने पर लिखा-पढ़ी तो की है पर वेतन भुगतान कराने में वे भी सफल नहीं हो पाये हैं। नियोक्ता सिविल सर्जन और वर्तमान सिविल सर्जन से इस संबंध में बात करने पर एक-दूसरे की कमी को ही गिनाया जा रहा है।
इनका कहना है
हमारे कार्यकाल के दौरान करीब 10 कर्मचारियों की जब नियुक्ति की गई थी तब अनुबंध आदि की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। वेतन भुगतान क्यों नहीं हो रहा और किस कारण से देरी हो रही है यह तो वर्तमान सिविल सर्जन ही बताएंगे। उनकी ओर से कोई कमी नहीं छोड़ी गई थी।
डॉ. एस.बी. खरे पूर्व सिविल सर्जन
कर्मचारियों के नियुक्ति के बाद लंबित वेतन भुगतान का मामला सामने आने पर शासन और शेडमैप को कई बार पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अनुबंध की पेंच के कारण मामला लंबित है। अनुबंध हो जाये और शासन द्वारा शेडमैप के जरिये राशि उपलब्ध करा दी जाये तो वेतन भुगतान में देरी नहीं होगी। इस संबंध में कलेक्टर द्वारा भी शासन को पत्र लिखा जा चुका है।
डॉ. डी.के. द्विवेदी -सिविल सर्जन, जिला अस्पताल सीधी।