पुलिस के 10 करोड़ रिलायंस ने दबा लिये - काम निकलने के बाद सासन पुलिस चौकी का वेतन देने से इंकार
पुलिस के 10 करोड़ रिलायंस ने दबा लिये - काम निकलने के बाद सासन पुलिस चौकी का वेतन देने से इंकार
डिजिटल डेस्क सिंगरौली वैढऩ। रिलायंस ने पुलिस के दस करोड़ रूपये से ज्यादा दबा लिये। यह आरोप हम नहीं लगा रहे बल्कि पुलिस, खुद रिलायंस पर लगा रही है। इसके लिए लगातार पत्राचार किया जा रहा है मगर रिलायंस सासन पावर के यहां से लेकर भोपाल और मुंबई में बैठे अफसरों के कानों में जूं नहीं रेंग रही। ताज्जुब इस बात का है कि पीएचक्यू और गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप बाद भी मामला सुलझता नहंीं दिख रहा। रिलायंस से पैसे न मिलने पर स्थानीय पुलिस अधिकारी भी अब रिलांयस के लिए असहयोग आंदोलन जैसी स्थिति बनाने की दिशा में अघोषित तौर पर तैयारी कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार अनिल धीरूभाई अंबानी गु्रप के सासन अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट के लिए जब लगभग 2008 में काम शुरू हुआ था, तब लोगों का अनावश्यक हस्तक्षेप रोकने के लिए पुलिस बल की आवश्यकता महसूस हुई। वैढऩ थाने से प्रोजेक्ट की दूरी ने भी पुलिस थाने की जरूरत महसूस कराई लेकिन शुरू से ही बीच का रास्ता निकालने वाली विशेषज्ञों की टीम के कारण सासन अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट ने पुलिस चौकी खोले जाने पर सहमति दी। सूत्रों के अनुसार इस चौकी में एक उपनिरीक्षक के साथ तीन सहायक उपनिरीक्षक, छह प्रधान आरक्षक और 25 आरक्षकों का बल स्वीकृत हुआ था। चौकी के लिए भवन और भवन परिसर में ही पुलिस बल के रहने के लिए आवास व्यवस्था के इंतजाम पर भी सहमति बनी थी।
खुलना था औद्योगिक नगर थाना
जानकारी के अनुसार सासन पावर प्लांट का काम शुरू होने के दौरान पुलिस ने सासन में थाना औद्योगिक नगर खोले जाने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन, थाने के भारी भरकम बजट को देखते हुए सासन पावर ही नहीं अनिल अंबानी की कंपनी ने भी हाथ खड़े कर दिए। तब जाकर समझौता हुआ कि यहां पर सासन पुलिस चौकी स्थापित की जाए जो वैढऩ पुलिस थाने के अंडर ही काम करेगी।
प्लांट बनते ही दिखाई आंख
जानकारों के अनुसार सासन पावर ने प्लांट का काम होते ही पुलिस को वेतन की राशि जमा कराने से मना कर दिया था। हालांकि इस बीच कंपनी ने पुलिस चौकी के लिए भवन और पुलिस बल के क्वार्टर्स बना कर दिए थे। बीच में जब भी पुलिस ने पैसे मांगने की कोशिश की तो अधिकारियों ने मौखिक तौर पर उल्टे पुलिस अधिकारियों से ही कहाकि जनाब खैर मनाओ, हम चौकी भवन और क्वार्टर्स का पैसा नहीं मांग रहे। पुलिस बल का वेतन देने की जो भी बात हुई थी वो प्लांट निर्माणाधीन अवधि के लिए थी। जब हमारा काम हो गया तब हम राशि क्यों देंगे? पुलिस चौकी रहे या बंद हो, यह पुलिस विभाग का सिरदर्द है, हमारा नहीं।
दो बार हो गई थी तैयारी
अनिल धीरूभाई अंबानी गु्रप वाले रिलायंस के अधिकारियों की मानें तो पुलिस का पैसा न देने पर दो बार फाइनल तैयारी हो गई थी लेकिन ऐन वक्त पर सरकारें बदल गईं। पहले जब शिवराज सरकार को मनाया गया था और अपने हालात के बारे में बताया गया तब सरकार राशि छोडऩे तैयार हो गई थी। लेकिन, उसी बीच चुनाव की घोषणा हो गई और भाजपा सरकार सत्ता में नहीं आ सकी। इसके बाद फिर जोर लगाकर कमलनाथ सरकार को मनाया गया तो उनकी सरकार गिर गई। अब हम सभी पुन: जोर लगा रहे हैं। उम्मीद है कि उपचुनावों के बाद मामला शार्टआउट कर लिया जाएगा।
इनका कहना
सासन पावर से सासन पुलिस चौकी के लिए स्वीकृत बल का वेतन नहीं जमा कराया जा रहा। इस संबंध में लिखापढ़ी चल रही है, मगर कोई हल सामने नहीं आ रहा।
- अरूण पांडेय, थाना प्रभारी वैढऩ
एएसपी का चार्ज लेते ही हमारी जानकारी में यह मामला सामने आया है। हम वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर इस दिशा में काम करेंगे। हमारा प्रयास होगा कि पुलिस के लिए समझौते के तहत तय हुई राशि पुलिस विभाग को मिले।
- अनिल सोनकर, एडिशनल एसपी
पुलिस बल को वेतन देने की बात प्लांट निर्माण करने की अवधि के दौरान हुई थी। लाइफ लांग देने का सवाल ही नहीं उठता। हम, चौकी भवन, पुलिस बल के क्वार्टर्स सहित एसी व अन्य सामान जो उपलब्ध कराए गए हैं, उसकी राशि छोडऩे तैयार हंै। भोपाल में हमारी सरकार से बात चल रही है, जल्द ही इस मामले को क्लोज कराया जाएगा।
- राजीव मिश्रा, प्रवक्ता रिलायंस, भोपाल