संसद: पीएम किसान सम्मान निधि योजना की किस्त में नहीं होगी बढ़ोतरी, कृषि मंत्री ने दी जानकारी
- पीएम किसान सम्मान निधि में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी
- केंद्र सरकार ने संसद में स्पष्ट कर दिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी की काफी समय से मांग कर रहे किसान आस लगाए बैठे थे कि लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें मोदी सरकार से पीएम किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी की गारंटी मिल जाएगी, लेकिन किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। केंद्र सरकार ने संसद में स्पष्ट कर दिया है कि पीएम किसान सम्मान निधि में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत लोकसभा चुनाव 2019 से पहले हुई थी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी 2019 को सरकार का अंतरिम बजट पेश करने के दौरान इसकी घोषणा की थी। इसका उद्देश्य भू-धारक किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है। इस योजना के तहत देश भर के किसान परिवारों के बैंक खातों में प्रत्येक चार महीने के अंतराल पर तीन समान किस्तों में 6,000 रुपये दिए जाते हैं। बढ़ती महंगाई के साथ-साथ किसानों लागत में वृद्धि भी देखी गई है। ऐसे में किसानों की ओर से किसान सम्मान निधि की राशि बढाने की हो रही मांग के मद्देनजर बजट से पहले चर्चा थी कि केंद्र सरकार इस रकम को बढाकर 8 से 12 हजार रुपये सालाना कर देगी। हालांकि, अंतरिम बजट में ऐसा कोई ऐलान नहीं हुआ। अब केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने मंगलवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में स्पष्ट कर दिया है कि इस योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली राशि में बढोतरी का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आम चुनाव में किसान मोदी सरकार को वोटों के रूप में कितना लाभ पहुंचाती है
डीप फेक को रोकने सरकार कानून बनाए : कैलाश सोनी
भाजपा सांसद कैलाश सोनी ने डीप फेक के गलत उपयोग को रोकने के लिए सरकार से कानून बनाने की मांग की है। उन्होंने यह मांग मंगलवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान उठाई। उन्होंने कहा कि डीप फेक तकनीक ने व्यक्तिगत और सामाजिक दृष्टि से नए सवाल पैदा किए हैं। राज्यसभा सदस्य श्री सोनी ने कहा कि डीप फेक तकनीक का सबसे बड़ा खतरा धार्मिक और राजनीतिक क्षेत्र में आपत्तियों का निर्माण करने में हैं। डीप फेक तकनीक तकनीक का दुरूपयोग ऑनलाइन यातायात मंे धोखाधड़ी के लिए भी हो सकता है। गलत तरीके से उपयोग करके किसी की पहचान छुपाई जा सकती है और फिर ऑनलाइन धोखाधड़ी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि तकनीकशास्त्र में नवीन और बेहतर तकनीकों की आवश्यकता है, ताकि डीप फेक का पता लगाया जा सके और उससे बचा जा सके। लोगों को डीप फेक के बारे में जागरूक करने के लिए शिक्षा और साक्षरता की आवश्यकता है। सांसद ने मांग की कि सरकार इस विषय पर जागरूकता के लिए तत्काल योजना बनाए और इसके गलत उपयों के लिए कानून बनाए।