नर्मदा को मॉं का दर्जा लेकिन रेत की खातिर मशीनों से कर रहे सीना छलनी

गोटेगांव के बेलखेड़ा में बीच धार में उतारी पोकलेन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-19 15:55 GMT

डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर। प्रदेश सरकार द्वारा नर्मदा नदी को जीवित इकाई के साथ 'मॉंÓ का दर्जा दिया गया है। इस जीवित इकाई की दुर्दशा देखना हो तो जबलपुर की सीमा से लगे गोटेगांव के बेलखेड़ा चले जाइए, जहां रेत की खातिर 'मॉंÓ नर्मदा का सीना मशीनों से छलनी किया जा रहा है। नरसिंहपुर की अंतिम सीमा पर बसे बेलखेड़ा में नदी की बीच धारा में पोकलेन मशीन के जरिए रेत का अंधाधुंध खनन चल रहा है। जहां खनन हो रहा है वहां खदान स्वीकृत नहीं है। खनिज, राजस्व व पुलिस प्रशासन के मैदानी अमले के साथ हर छोटा-बड़ा अधिकारी इस सच को जानता है फिर भी कार्रवाई नहीं करते। कार्रवाई क्यों नहीं होती, इसका जवाब डीएमओ ओ.पी. बघेल के इस जवाब में मिलता है 'गोटेगांव के आसपास नदी का हिस्सा आधा जबलपुर और आधा नरसिंहपुर में आता है, इस वजह से भ्रम की स्थिति रहती है।Ó

जब अभियान चल रहा तब यह स्थिति-

बेलखेड़ा में नर्मदा नदी से किए जा रेत के अवैध उत्खनन का मामला, कार्रवाई से तब अछूता है जबकि पूरे प्रदेश में रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन व भंडारण के खिलाफ शासन-प्रशासन का अभियान चल रहा है। सूत्रों के अनुसार, बेलखेड़ा में लंबे समय से चल रही रेत की अवैध खदान को संचालित कर रहे लोगों और इनकी पीठ पर जिनका हाथ है, दोनों की राजनीतिक व प्रशासनिक पैठ ज्यादा है। इस मामले में राजनीतिक प्रतिद्वंदिता व द्वेष भी दरकिनार रखे जाते हैं। इसीलिए न यहां हो रहे अवैध खनन को लेकर ज्यादा हल्ला मचता है और न ही दोनों जिलों (नरसिंहपुर व जबलपुर) का प्रशासन व खनिज विभाग का अमला कार्रवाई करने जाता है।

रोज तीन दर्जन से ज्यादा हाइवा जा रहे-

बेलखेड़ा की अवैध रेत खदान से हर दिन तीन दर्जन से अधिक (करीब 40) हाइवा रेत लेकर निकलते हैं। सूत्रों के अनुसार जिले के अंदर हाइवा की वापसी में खतरा ज्यादा है लिहाजा यहां से चुराई जा रही रेत जबलपुर ले जाई जाती है। वहां रेत ठेका कंपनी के अधिकृत भंडारण स्थल पर पहुंच कर यह ' कालीÓ रेत 'सफेदÓ हो जाती है।

जहां कार्रवाई की वहां सब-कुछ नदी में बहा दिया-

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद जिले में सबसे बड़ी कार्रवाई मई माह में तब हुई थी जब परिवहन विभाग ने राखङ़ की ओवरलोडिंग के विरुद्ध पांच हाइवा पर जुर्माना लगाया था। अवैध रेत परिवहन के मामले में इक्का दुक्का ट्रैक्टर ट्रॉली पकडऩ़े के अलावा खनिज विभाग कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर सका। स्थिति यह कि डीएमओ बघेल यह जानकारी तक देने की स्थिति में नहीं हैं कि प्रदेश व्यापी अभियान के तहत जिले में रेत के अवैध खनन, परिहवन व भंडारण में कितनी और कहां-कहां कार्यवाहियां कीं।

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