सुप्रीम कोर्ट का फैसला कुछ भी आए, शिंदे सरकार पर नहीं होगा असरः शरद पवार
गृह क्षेत्र में बोले राकांपा अध्यक्ष
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के सत्ता संघर्ष को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है और इस पर कभी भी फैसला सुनाया जा सकता है। इस बीच राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि फिलहाल विधानसभा में शिंदे-फडणवीस सरकार के पास बहुमत है और सुप्रीम कोर्ट का फैसला चाहे जो आए इसका सरकार पर कोई असर नहीं होगा। शिंदे गुट के 16 विधायकों को आयोग्य ठहराने की उद्धव गुट की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला सुनाया जाना बाकी है।
शनिवार को अपने गृहक्षेत्र बारामती में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने कहा कि बारसू रिफायनरी परियोजना को लेकर मैंने वहां के किसानों से चर्चा की है। यह मामला राज्य के उद्योग विभाग से संबंधित है। इस संदर्भ में मेरी उद्योग विभाग के अधिकारियों के साथ एक-दो बैठक भी हो चुकी है। इस बात पर चर्चा हुई कि किसानों के हितों के संरक्षण के साथ परियोजना भी शुरु हो सके। लेकिन परियोजना लगाते इस बात का ध्यान रखना होगा कि इससे पर्यावरण, खेती व मछली पकड़ने के व्यवसाय का कोई नुकसान न हो। स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर आगे बढ़ने की जरुरत है। राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि पुलिस बल का इस्तेमाल कर परियोजना नहीं लगाई जा सकती।
मुझे नहीं लगा था इस्तीफे पर आएगी ऐसी प्रक्रियाएं
राकांपा के अध्यक्ष पद पर बने रहने का फैसला करने के एक दिन बाद, शरद पवार शनिवार को पुणे जिले स्थित अपने गृह क्षेत्र बारामती पहुंचे। राकांपा के पदाधिकारियों ने ‘देश का नेता कैसा हो, पवार साहब जैसा हो’ जैसे नारे लगाते हुए पवार का स्वागत किया। बारामती में पार्टी कार्यकर्ताओं ने पवार को राकांपा प्रमुख बने रहने के फैसले के लिए धन्यवाद दिया। पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि बारामती से ताल्लुक रखने वाले राकांपा प्रमुख पवार रविवार को विभिन्न कार्यक्रमों के लिए सोलापुर जाने से पहले पार्टी सदस्यों से मिलेंगे। पवार ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बढ़ते दबाव के बाद शुक्रवार को राकांपा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का अपना फैसला वापस ले लिया था। राकांपा अध्यक्ष पद से इस्तीफे को लेकर पवार ने कहा कि मुझे नहीं लगा था कि मेरे इस्तीफे पर पार्टी कार्यकर्ता इस तरह की प्रतिक्रिया देंगे। मुझे लगा था कि एक दो दिन में समझ जाएंगे पर समझने जैसी स्थिति दिखाई नहीं दी। इसके अलावा राज्य के बाहर से असम से लेकर केरल तक मेरे इस्तीफे पर महत्वपूर्ण व्यक्तियों की प्रतिक्रिया आने लगी।