हाईकोर्ट: गणेश चतुर्थी उत्सव के लिए राशन किट योजना के टेंडर को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित
- 5 अगस्त को अदालत सुनाएगी फैसला
- राशन किट योजना के टेंडर को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार गणेश चतुर्थी उत्सव के लिए राशन किट (आनंदाचा शिधा) योजना के तहत 1 करोड़ 70 लाख लाभार्थियों को सब्सिडी वाले खाद्य किट वितरित करने के राज्य महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी टेंडर (निविदा) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया। इस योजना के तहत सरकार 100 रुपए में एक-एक किलोग्राम रवा (सूजी), चना दाल और चीनी के साथ-साथ एक लीटर सोयाबीन तेल भी वितरित करेगी। याचिका ने विशेष रूप से टेंडर की शर्तों (70 अलग-अलग जगहों पर पैकेजिंग और 300 कर्मचारी) को चुनौती दी है। अदालत 5 अगस्त को अपना फैसला सुनाएगा।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ के समक्ष बोली लगाने वाली कंपनियों इंडो एलाइड प्रोटीन फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, गुनिया कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड और केंद्रीय भंडार की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने कहा कि टेंडर में शर्तें आवश्यक थी, क्योंकि गणेश चतुर्थी उत्सव से पहले केवल एक महीना बचा था। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती थी कि सफल बोली लगाने वालों की ओर से कोई देरी न हो। अनुबंध की अल्पकालिक अवधि को देखते हुए यह टेंडर तैयार किया गया है। इसका इरादा यह है कि यह गणपति से पहले आम आदमी तक पहुंच जाए। हमने अतीत में अनुभव किया है कि लोगों तक राशन किट पहुंचाने में देरी हुई थी। गणपति के बाद लोगों को राशन किट देने का कोई मतलब नहीं है। सराफ ने पीठ को बताया कि यह शर्त इसलिए जोड़ी गई है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि राशन किट 900 तहसीलों में 1 करोड़ 70 लाख लाभार्थियों तक समय पर पहुंच जाए। उन्होंने कहा कि किट 52500 दुकानों तक पहुंचाई जानी है।
पीठ ने अटॉर्नी जनरल से सवाल पूछा कि क्या यह शर्त है कि वे पैकेजिंग के बाद आपूर्ति करेंगे? 70 अलग-अलग जगहों की आवश्यकता क्यों है? उनके पास 1 या 2 पैकेजिंग इकाइयां हो सकती हैं। आवश्यकता यह नहीं है कि उनके पास 300 कर्मचारी होने चाहिए। आवश्यकता यह है कि कर्मचारियों को काम का अनुभव हो। इस पर सराफ ने अपने जवाब में कहा कि शर्त केवल यह सुनिश्चित करने के लिए जोड़ी गई थी कि काम करने में सक्षम सबसे उपयुक्त व्यक्ति को टेंडर आवंटित की जाए। दोनों पक्षों को विस्तार से सुनने के बाद पीठ ने 5 अगस्त तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया।