कलंब: बिरसा ब्रिगेड का तहसील कार्यालय पर प्रदर्शन- किसानों और बेराेजगारी की चिन्ता

  • किसानों और बेराेजगार युवाओं की समस्याओं को लेकर प्रदर्शन
  • बिरसा ब्रिगेड के युवाओं ने तहसील कार्यालय पर लगाए नारे
  • राज्य सरकार को भेजा ज्ञापन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-31 11:11 GMT

डिजिटल डेस्क, कलंब। किसान, खेतिहर मजदूर समेत बेरोजगार युवाओं की विविध मांगे तथा उनकी समस्याओं को लेकर बिरसा ब्रिगेड संगठन ने मंगलवार को कलंब तहसील कार्यालय पर मोर्चा निकाला। इस समय मुख्य रूप से कपास और तुअर को 15 हजार रुपए प्रति क्विंटल दाम दिए जाए, सोयाबीन को 10 हजार रुपए भाव मिले, अतिक्रमण धारक किसानों को जमीन के पट्टे दिए जाए, कलंब, रालेगांव और बाभुलगांव तहसील के किसानों को बेंबला बांध से सिंचाई के लिए जलापूर्ति करे, शैक्षणिक संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को आरक्षण देने समेत अन्य मांगों को लेकर बिरसा ब्रिगेड संगठन के संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डा. अरविंद कुडमेथे के मार्गदर्शन में सैकड़ों कार्यकर्ता, बेरोजगार युवाओं ने तहसील कार्यालय पर दस्तक दी। कलंब के बस स्टैंड परिसर से तहसील कार्यालय पर मोर्चा निकाला। पश्चात विविध मांगों का ज्ञापन तहसीलदार के माध्यम से राज्य सरकार को भेजा गया। इस मोर्चे में प्रदेश संगठक प्रा. वसंत कनाके, सूरज मरस्कोल्हे, उमेश येरमे, महेश सोयाम, कुंदन कुमरे, पांडुरंग सराटे, जगदीश मडावी, विनोद उईके, प्रमोद इरपाते, माधुरी अंजिकर, गणेश शिंदे, महादेव मेश्राम, रोशन घोडाम, अविनाश कुलसंगे, समेत सैकड़ों युवा, किसान और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए थे।

उपसरपंच के साथ तीन सदस्यों ने दिया इस्तीफा

उधर यवतमाल तहसील के वारजई और जामवाडी यह गट ग्राम पंचायत है। महिला सरपंच पर मनमानी का आरोप लगाते हुए गांव के उपसरपंच के साथ अन्य तीन सदस्यों ने अपने पद से इस्तीफा देकर जिलाधिकारी को सौंपा है। इस्तीफा देनेवालों में लखन अवथले, वंदना पारधी, अनिता पाने, मारोती चिंचेकर का समावेश है। आरोप लगाया गया है कि महिला सरपंच प्रतीक्षा संतोष शेंडे ने गुट ग्राम पंचायत जामवाडी के वार्ड नं.2, 3 के लिए आज तक कोई विकास कोष नहीं दिया है। इसी तरह 2021 में ग्राम पंचायत में उनकी सत्ता स्थापन होने के बाद से उन्होंने किसी सभा या काम के लिए उपसरपंच या अन्य सदस्यों को विश्वास में नहीं लेकर मनमानी काम कर रहे हैं। बताया गया कि गत तीन वर्ष में इस सरपंच ने कभी ग्रामसभा नहीं ली है। इस कारण गांव के विकास कार्य ठप पड़े हुए है। जिसके चलते उन्होंने अपना इस्तीफा दिया है।


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