न्यायिक सेवा छोड़ राजनीति में उतरे मजिस्ट्रेट प्रकाश उइके
जिले में लंबे समय से समाजसेवा के कार्यों में सक्रिय मजिस्ट्रेट प्रकाश उइके ने आखिरकार न्यायिक सेवा छोड़ राजनीति की राह पकड़ ली है। गुरुवार को भोपाल में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली है। भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने प्रदेश कार्यालय में भाजपा की सदस्यता दिलाई। अब तक दमोह में पदस्थ रहे मजिस्ट्रेट प्रकाश उइके छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना ब्लॉक के ग्राम मोही मांडवी के निवासी हैं। चुनाव से पहले उनकी भाजपा में ज्वाइनिंग को राजनीतिक गलियारों में पांढुर्ना विधानसभा से जोड़कर देखा जा रहा है। चर्चा है कि भाजपा को अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित पांढुर्ना विधानसभा में मजबूत चेहरे की तलाश पहले से ही है। ऐसे में अब मजिस्ट्रेट व समाजसेवी प्रकाश उइके के भाजपा ज्वाइन करने से चर्चाएं गर्म हो गई हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से सीधा संपर्क न्यायिक सेवा छोड़ भाजपा में शामिल हुए प्रकाश उइके के भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क बताए जा रहे हैं।
खासतौर पर देवास से सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी से उनकी नजदीकियां हैं। महेंद्र सिंह भी न्यायिक सेवा छोड़ राजनीति में आए थे। २०१९ के लोकसभा चुनाव में वे देवास से सांसद चुने गए थे। श्री उइके की भाजपा में ज्वाइनिंग पर श्री सोलंकी की भूमिका बताई जा रही है। निगम चुनाव के दौरान भी खूब चला था नाम मजिस्ट्रेट प्रकाश उइके नगरीय निकाय चुनाव के दौरान भी खूब चर्चा में रहे थे। उस समय ही उनके भाजपा में शामिल होने को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी। दरअसल छिंदवाड़ा नगरनिगम महापौर के लिए उन्हें भाजपा की ओर से दावेदार के तौर पर पेश किया जा रहा था। हालांकि उस समय भाजपा ने निगम में असिस्टेंट कमिश्नर अनंत धुर्वे को प्रत्याशी बनाया था।