बीईओ कार्यालय छिंदवाड़ा में लाखों का गबन, बाबू ने सरकारी मद की राशि पत्नी और स्वयं के खाते में कर दी ट्रांसफर

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-08 12:58 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय छिंदवाड़ा में पदस्थ बाबूओं द्वारा लाखों रुपए के सरकारी मद की राशि को अपने और पत्नी के खाते में ट्रांसफर करने का मामला सामने आया है। इस मामले में पिछले १४ दिनों से वित्त विभाग के संभागीय कार्यालय की पांच सदस्यीय टीम २५ जून से लगातार विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय छिंदवाड़ा में जांच कर रही है। जांच में शिक्षा विभाग के बाबू और कोषालय के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत के बाद लगभग 65 लाख रुपए से अधिक राशि का गबन होना पाया है। १५ बिन्दुओं की इस जांच रिपोर्ट में जो बात सामने निकलकर आई है उसमें बीईओ कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड दो अनिल कुमार कुड़ापे ने वास्तविक दावेदार का खाता परिवर्तित कर इसके स्थान पर स्वयं के और पत्नी के खाते में कई बार राशि ट्रांसफर किया है। इस मामले में एक अन्य लिपिक किशोर कुमार जगदाले सहायक ग्रेड तीन के द्वारा भी इसी प्रकार खातों में राशि में ट्रांसफर करना पाया गया है। मामला बीईओ कार्यालय का होने के कारण विकासखंड शिक्षा अधिकारी आईएम भीमनवार सहित दोनों बाबू अब जांच के घेरे में आ गए है। वित्त विभाग के संयुक्त संचालक रोहित सिंह कौशल शुक्रवार को भी छिंदवाड़ा आए थे। जहां उन्होंने विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जांच टीम के साथ संबंधितों से पूछताछ की। श्री कौशल ने मामले की आगे जांच जारी होना बताया है, जिसके बाद राशि का आंकड़ा बढ़ सकता है। वित्तीय वर्ष २०१८-१९ से २०२२-२३ तक शासन की ओर से जारी आवंटन की राशि की जांच हो रही है। संयुक्त संचालक रोहित सिंह कौशल ने कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले से मिले और जांच की जानकारी दी।

ऐसे सामने आया मामला

लोकायुक्त और इससे जुड़े विभागों के पास निजी खातों में लगातार सरकारी मद की राशि के ट्रांसफर होने की सूचना मिलने के बाद मप्र शासन वित्त विभाग मामले की जांच कर रहा है। शासकीय राशि के गबन से मामला जुड़ा होने के कारण संभागीय आयुक्त सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी गंभीरता दिखाते हुए नजर बनाए हुए है। इसके बाद वित्त विभाग के संभागीय कार्यालय की ५ सदस्यीय टीम और इनके साथ तकनीकी अधिकारी ने सॉफ्टवेयर के माध्यम से रिकार्ड खंगाले, जिसमें दोनों लिपिक और पत्नी के खातों में लाखों रुपए के शासकीय मद की राशि का ट्रांसफर होना सामने आया है।

शातिर इतने कि स्वयं के खातों में डलवा ली राशि

१. वित्त विभाग की जांच के बाद जो बात सामने आई है उसमें सहायक ग्रेड दो अनिल कुमार कुड़ापे ने २४ बार ट्रांजेक्शन के माध्यम से वास्तविक दावेदार का खाता परिवर्तित कर उसके स्थान पर स्वयं का खाता दर्ज कर और ५० ट्रांजेक्शन में खाता परिवर्तित कर पत्नी के खाते में राशि डाली है। इनमें से ६० देयकों में कुल ३४ लाख ३६ हजार के आसपास खाते मेें पहुंची है। इसके अलावा सेवानिवृत्त, मृत कर्मचारियों के हितलाभों का भुगतान सहायक ग्रेड दो अनिल कुमार कुड़ापे ने स्वयं और पत्नी के खाते में डलवा दिया है। ऐसे ट्रांजेक्शन जो फेल हो जाते है वह राशि भी खातों में डलवा दी गई। कार्यालय में अलग-अलग सामग्री खरीदी व अन्य कार्यों के लिए बनाए गए वेंडर के खाते के स्थान पर अपना खाता नंबर दर्ज कर भुगतान प्राप्त किया। इसके अलावा सहायक ग्र्रेड दो किशोर कुमार जगदाले ने स्वयं के वेतन में एचआरए में कपटपूर्ण ढंग से राशि में अनावश्यक वृद्धि कर राशि प्राप्त की है।

२. सहायक ग्रेड तीन किशोर कुमार जगदाले द्वारा अन्य विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलने वाले हितलाभ की राशि, भृत्य द्वारा अपने बैंक खाते से अन्य दो पृथक नाम के वेंडर बनाए गए है, जिसमें नियम विरुद्ध राशि डाली गई है। इसी प्रकार वार्षिक वेतन विवरण, फेल हुए ट्रांजेक्शन, छात्रवृत्ति की राशि पत्नी के खाते में डालने, वैंडर बनाकर गलत भुगतान, कर्मचारियों के अन्य भत्तों का अधिक का भुगतान किया गया है, जबकि इसमें वित्तीय अनुमति नहीं लेते हुए अनियमित भुगतान किया है।

बाबूओं ने जमा की राशि, यानी गबन हुआ

वित्त विभाग की टीम द्वारा जांच किए जाने के बाद दोनों ही बाबूओं ने राशि सरेंडर की है। जानकारी के अनुसार अनिल कुमार कुड़ापे द्वारा तकरीबन ३५ लाख और किशोर कुमार जगदाले ने ६ लाख रुपए के आसपास राशि जमा कर दी है। वहीं इन्होंने अपने बयान में इस बात को भी स्वीकारा है कि उन्होंने कम्प्यूटर के जरिए ऐसा किया है। जांच मेें यह बात भी सामने आई है कि सहायक संचालक आईएम भीमनवार के पास बीईओ का अतिरिक्त प्रभार था।

अब जांच के घेरे में यह भी

छिंदवाड़ा बीईओ कार्यालय की जांच होने के बाद मोहखेड़ विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय भी जांच के घेरे में आ गया है। बताया जा रहा है कि सारना संकुल में भी कुछ गड़बड़ी सामने आई है। इसके अलावा सभी विकासखंडों में अलग-अलग बाउचरों की जानकारी जुटाई जा रही है। जिससे करोड़ों का भ्ुागतान किया गया है। वहीं शासन की राशि का भुगतान कोषालय से होने के कारण इसमें कोषालय से जुड़े कुछ लोगों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।

अलर्ट: लगातार सामने आ रहे मामले, खातों की होनी चाहिए जांच

सिवनी जिले के केवलारी और कटनी में सामने आए मामले के बाद विभाग को अलर्ट होने की आवश्यकता है। वित्त विभाग कोषालय के वरिष्ठ अधिकारियों को ऐसे कर्मचारी और अधिकारियों पर नजर रखना होगा जिनके खाते में शासन की ओर से आने वाले वेतन सहित अन्य टीए की राशि भुगतान के अलावा अन्य शासकीय मद की राशि लगातार आ रही है। यह राशि कैसे आ रही है इसकी जांच होना जरूरी है। लगातार दर्जनों बार शासकीय राशि के खातों में आने पर नजर बनाए रखना भी जरुरी है।

इनका कहना है

- मप्र शासन एवं आयुक्त जबलपुर संभाग के निर्देश पर बीईओ कार्यालय की जांच चल रही है। जांच में लगभग ६५ लाख का गबन प्रमाणित हुआ है। दोषी कौन है और कौन नहीं जांच के बाद स्पष्ट हो पाएगा। फिलहाल कुछ लोगों के खातों में सरकारी मद की राशि ट्रांसफर होना पाया गया है, जहां दो बाबूओं ने कुछ राशि सरेंडर कर दी है।

- रोहित सिंह कौशल, संयुक्त संचालक, वित्त विभाग जबलपुर

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