पोल्यूशन: दिवाली की आतिशबाजी से और अधिक प्रदूषित हुई चंद्रपुर की आबोहवा

वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 270 तक पहुंचा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-14 11:12 GMT

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर।  प्रदूषण की रोकथाम के लिए सर्वोच्च न्यायालय तथा स्थानीय प्रशासन के दिशा निर्देशों के बाजवूद शहर और जिले में क्षमता से अधिक आवाज वाले पटाखों की जमकर आतिशबाजी की गई है। इस वजह से दीपावली की रात और 13 नवंबर को एमआईडीसी परिसर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 270 तक पहुंच गया है। वहीं 12 नवंबर काे लक्ष्मीपूजन के दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक 455 रहा है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक 0 से 50 के बीच है तो उसे अच्छा माना जाता है, 50 से 100 संतुलित 101 से 150 तक संवेदनशील, 151 से 200 तकलीफदेह और 201 से 300 के बीच अस्वास्थकारी माना जाता है। वैसे चंद्रपुर जिला देश के सर्वाधिक प्रदूषित जिलों में शुमार है। यहां के एमआईडीसी परिसर में उद्योग, सीएसटीपीएस में प्रतिदिन जलने वाले हजारों मीट्रिक टन कोयले का प्रदूषण, चंद्रपुर, घुग्घुस, बल्लारपुर परिसर की कोयला खान और गड़चांदूर परिसर के सीमेंट कंपनियों से बढ़ते प्रदूषण की वजह से जिला प्रदूषण के मामले में अव्वल पर रहता है। इस दौरान दीपावली और सोमवार को जिले का प्रदूषण लेवल अधिक रहा है।


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