बाघ का आतंक: साल बीतते-बीतते एक और किसान बना बाघ का शिकार
खेत में काम करते समय बाघ ने किया था हमला
डिजिटल डेस्क, मूल (चंद्रपुर)। अपने खेत में काम करने गए एक किसान की बाघ के हमले में मौत हो गई। जानाला ग्राम निवासी किसान सुभाष कडपे (40) का शव दूसरे दिन बफर जोन कक्ष क्रं. 523 में मिला है। घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत फैली है। इस घटना के साथ ही जिले में जनवरी से अब तक हिंसक जानवरों के हमलों में मरने वालों की संख्या 21 हो गई हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील के जानाला ग्राम निवासी किसान सुभाष कडपे (40) गुरुवार को अपने खेत में काम करने गया था। रात होने के बाद भी वह नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की किंतु रात में वह नहीं मिला। शुक्रवार सुबह पुन: तलाश किए जाने पर उसकी क्षत-विक्षत लाश मिली है। आशंका है कि, वहां पर घात लगाए बाघ ने हमला कर उसे मार डाला। शव को देखने वालों का अनुमान है कि, बाघ ने किसान पर हमला कर मार डालने के पश्चात उसकी लाश को करीब 400 फीट तक घसीटते लेकर गया। इस घटना की जानकारी गांव के नागरिकों ने पुलिस प्रशासन को दी।
सूचना के आधार पर मूल वनपरिक्षेत्र अधिकारी कोरेकर और थानेदार मौके पर पहुंचे और शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए उपजिला असपताल भेज दिया है। वनविभाग की ओर से मृतक के रिश्तेदारों को तत्काल सहायता के रूप में 30 हजार रुपए की मदद वनपरिक्षेत्र अधिकारी ने दी है। इस प्रकार से बार बार हो रहे बाघ के हमले से किसानो मे डर बना है। ऐसी स्थिति में खेती का काम कैसे करें,यह समस्या होने से,वन विभाग द्वारा बाघ का जल्द से जल्द बंदोबस्त करने की मांग नागरिकों द्वारा की गई है। इस वर्ष जहां हिंसक जानवरों के हमले में 21 लोगों की जान गई है जिसमें 20 बाघ का और 1 तेंदुए का शिकार हुआ है।