विजय माल्या की जमीन विवाद में उलझा जिला प्रशासन: बिना रजिस्ट्री नामांतरण में उलझी विजय माल्या की जमीन, मामला एडीएम कोर्ट में पहुंचा

सरवर गांव हुजूर तहसील भोपाल में अधिग्रहित की गई विटारी कंपनी के नाम दर्ज जमीन को अब माल्या की यूनाइटेड स्पीरिट्स के नाम दर्ज कराने की चल रही कोशिश

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-27 14:47 GMT

भोपाल। जिला प्रशासन के लिए यूनाइटेड स्पीरिट्स के मालिक विजय माल्या की एक जमीन बड़ी उलझन बन गई है। यह जिले के लिए एक चर्चित मामला भी बन गया। कंपनी ने भोपाल के पास सरवर गांव पर प्लांट संचालित करने वाली स्थानीय कंपनी का अधिग्रहण किया था, लेकिन प्रदेश के पंजीकरण नियमों के अनुसार संपत्तियों की रजिस्ट्री व नामांतरण अपने नाम नहीं कराया। सरकारी खातों में संपत्ति पुरानी कंपनी के नाम दर्ज है। करीब 23 साल के बाद यूनाइटेड स्पीरिट्स ने विलय अनुबंध के आधार पर जब पुरानी कंपनी की संपत्ति में अपना नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की, तो विवाद बना। 

अभी मामले में इस जमीन के क्रय-विक्रय पर तहसीलदार ने आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। जमीन से जुड़े लोगों ने एडीएम कोर्ट में मामला दर्ज कराया है। ग्राम सरवर में 8.160 हेक्टेयर जमीन को यूनाइटेड स्पीरिट्स लिमिटेड राजस्व अभिलेखों में अपने नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया कर रहा है। यह जमीन फिलहाल विटारी डिस्टलरीज के नाम पर दर्ज है।

ये हैं पूरा मामला

- 1999 में विटारी डिस्टलरीज ने सरवर में 20 एकड़ जमीन खरीदी थी। चार एकड़ में प्लांट डालने के बाद 16 एकड़ जमीन खाली रही। मई 2001 में विटारी का माल्या की मैक डॉल स्पिरिट लिमिटेड में कोर्ट के जरिए विलय हो गया। बाद में कंपनी का नाम यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड हो गया। 2013 से यूएसएल का अधिग्रहण अन्य कंपनी ने कर लिया, वर्तमान में जो डियाजो है। हालांकि, जिले के राजस्व रिकॉर्ड में जमीन विटारी के नाम रही।

- 2019 में यूवी ने नामांतरण की फाइल बढ़ाई तो जिला डिप्टी रजिस्टर द्वारा रजिस्ट्री स्टांप शुल्क पेनल्टी सहित 3.50 करोड़ रुपए तय किया गया। 2023 में उपरोक्त शुल्क को 1.59 करोड़ कर दिया गया, जिसमें शासन को सीधा 1.91 करोड़ का नुकसान हुआ।

जिसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक EOW भोपाल को दिनांक 19/09/2024 को की गई। उसके बाद पुलिस महानिदेशक EOW को 10/10/2024 को स्टांप घोटाले के संबंध में और यूनाइटेड स्पिरिट भगोड़े विजय माल्या की संपत्ति के संबंध में शिकायत दर्ज की गई, जिसकी जांच की जा रही है।

- दूसरी तरफ, 16 एकड़ में जो किसान कृषि कर रहे हैं, उन्होंने अपना पक्ष प्रशासन से लेकर सभी स्तरों पर रखा। बताया जा रहा है कि 16 एकड़ जमीन कृषि कार्य के लिए 1999 से किसान काबिज हैं। विटारी ने जमीन खरीदी तो किसानों को आश्वस्त किया था कि कृषि भूमि पर किसी तरह की दखलअंदाजी नहीं करेंगे।

स्टांप शुल्क विवाद के बाद बिना रजिस्ट्री अब पंजीयन व नामांतरण पर आपत्ति तहसीलदार में किए चार आदेश कंपनी के विलयकरण में उचित स्टांप ना जमा होने पर नवंबर 2021 में प्रस्तुत प्रकरण नामांतरण आवेदन यूनाइटेड का अमान्य कर दिया गया। फरवरी 2023 में 1.59 करोड़ रुपए का स्टांप शुल्क निकाला गया और मार्च 26, 2023 में की गई कंपनी के द्वारा जमा किया गया। उसके बाद तहसीलदार द्वारा 20 जून 2023 को एक आदेश करते हुए यूनाइटेड स्पिरिट का नामांतरण रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। उसके बाद तहसीलदार द्वारा तीसरा आदेश किसानों के कब्जे के विवाद को लेकर तत्काल प्रभाव से 12 जुलाई 2023 को आपत्ति को सुनते हुए तत्काल प्रभाव से यूनाइटेड स्पिरिट का नामांतरण निरस्त कर वापस विटारी डिस्टलरी का नाम चढ़ा दिया गया और जिला उपपंजीयन को पत्र जारी कर दिया गया कि ऐसे प्रकरण में रजिस्ट्री मान्य है या विलय, जिसका जवाब आज तक प्राप्त नहीं हुआ। उसके बाद फिर तहसीलदार ने एक और आदेश निकालते हुए 21 अक्टूबर 2024 को बिना हाई कोर्ट के फाइनल ऑर्डर के यूनाइटेड स्पिरिट का नामांतरण दर्ज कर दिया गया और उसके बाद तहसीलदार ने फिर विवाद को बढ़ते देख चौथा आदेश 24/10/2024 को क्रय विक्रय पर रोक लगाने का जारी कर दिया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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