मौसम अलर्ट: मध्यप्रदेश में लगातार तीसरे दिन बारिश का दौर जारी, कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात, खतरे के निशान के करीब नर्मदा

  • राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में हो रही तेज बारिश
  • उज्जैन-इंदौर में बाढ़ जैसे हालात
  • कई बांधों के गेट खोले गए

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-16 16:15 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश का दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। लगातार तीसरे दिन प्रदेश में तेज बारिश का दौर जारी है। बीते 24 घंटे की बात करें तो उज्जैन जिले में सबसे ज्यादा 7 इंच बारिश हुई है, जिससे यहां बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो गए हैं। जिले के कई स्थानों पर पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए प्रशासन को नाव तक चलाने पड़ीं। वहीं राज्य की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में तो बारिश ने पिछले 62 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यहां बारिश की वजह से निचली बस्तियों में पानी भर गया। इसके अलावा गंभीर नदी की बाढ़ में फंसे 21 लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा और भारी बारिश के चलते इंदौर से खंडवा का संपर्क भी टूट गया।

बीते 24 घंटे में खंडवा में 4.8 इंच, रतलाम में 3.9 इंच, खरगोन में 3.2 इंच, इंदौर में 2.6 इंच, उज्जैन में 1.5 इंच बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा राजधानी भोपाल, नर्मदापुरम, पचमढ़ी, ग्वालियर, सीधी रायसेन, बैतूल, गुना, मलांजखंड, छिंदवाड़ा और सागर जिले में भी बारिश हुई। बता दें कि बारिश से बिगड़े हालातों को देखते हुए 6 जिलों में आज यानी शनिवार को स्कूलों में अवकाश रहा। राज्य के इंदौर, उज्जैन, बैतूल, नर्मदापुरम, खंडवा और हरदा जिले में शासकीय-अशासकीय स्कूलों में कोई कक्षा नहीं लगी।

खतरे के निशान के करीब पहुंची नर्मदा

भारी बारिश की वजह से नर्मदा नदी भी उफना गई है। नदी पर बने कई बांधों के गेट खेलने से जलस्तर खतरे के निशान के बेहद करीब आ गया है। नर्मदापुरम के सेठानी घाट में नर्मदा का जलस्तर शनिवार को 963.10 फीट पहुंच गया जो कि खतरे के निशान से केवल 3 फीट कम है। इसके अलावा खंडवा में नर्मदा पर बने ओंकारेश्वर धाम के गेट भी जलस्तर बढने की वजह से खोले गए। बांध के सभी 23 गेट 6 मीटर तक खोले गए हैं। वहीं इंदिरा सागर बांध के भी 12 गेट इस दौरान खोले गए।

नर्मदा के अलावा प्रदेश में कई नदियां उफान पर हैं। इनकी वजह से कई रास्ते बंद हो गए जिससे एक जिले से दूसरे जिले का संपर्क टूट गया। नर्मदापुरम में हरदा-खंडवा हाईवे गंजाल नदी का जलस्तर बढ़ने से बंद हो गया। वहीं विदिशा में बीना नदी उफनाने से पठारी-खुरई मार्ग अवरूद्ध हो गया।

नर्मदापुरम् में तवा बांध के 13 गेट को 10 फीट बढ़ाकर 20-20 फीट तक खोल दिए गए। उज्जैन में शिप्रा का जलस्तर बढ़ने से रामघाट के कई मंदिर डूब गए। जिले के उन्हेल में नाले में बाढ़ आने की वजह से एक घर गिर गया वहीं बस स्टैंड के पास रखे ठेले और गुमठियां बह गए। वहीं देवास जिले में भी क्षिप्रा और अन्य नदियां उफान पर हैं। यहां की जिला अस्पताल में भरा पानी निकालने के लिए मोटर का इस्तेमाल करना पड़ा। 

मौसम विभाग का कहना है कि नए सिस्टम एक्टिवेट होने की वजह से प्रदेश में बारिश का यह दौर 25 सितंबर तक जारी रह सकता है। 

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