राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: एनईपी 2020 की बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्‍वपूर्ण भूमिका: प्रो. सकलानी

  • इस माध्यम से बच्चों को 21वीं सदी के तहत तैयार किया जाएगा।
  • एनईपी 2020 बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ राष्ट्र और समाज के लिए भी जिम्मेदार बनाने का कार्य कर रही है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-13 10:16 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। केन्द्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान (पीएसएससीआईवीई) भोपाल में शनिवार को एनसीईआरटी के निदेशक प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी ने सहोदय ग्रुप से जुडे़ सीबीएससी स्कूलों के प्राचार्यों से चर्चा के दौरान कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और स्‍कूली शिक्षा में नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) बच्चों की प्रतिभा और कौशल को निखारने, उनके सर्वांगीण विकास कर और उन्हें विकसित करने के लिए खेल आधारित शिक्षा समेत अन्य रचनात्मक प्रयासों के माध्यम से मुख्यधारा में रही है। इसके माध्यम से बच्चों को 21वीं सदी के तहत तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ राष्ट्र और समाज के लिए भी जिम्मेदार बनाने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अभिभावकों की काम आधारित शिक्षा को लेकर भी मानसिकता बदलने की आवश्यकता है, जिसमें प्राचार्य और शिक्षकों का बहुत महत्वपूर्ण रोल है।

एक प्राचार्य के सवाल के जवाब में प्रो. सकलानी ने कहा कि शिक्षा का आधार महात्मा गांधी के द्वारा दिए गए 3 मंत्र यानी कि हेड, हैंड और हार्ट को जोड़ते हुए बनाना होगा। शिक्षकों के प्रशिक्षण को लेकर एनसीईआरटी निदेशक ने कहा कि प्री-टेस्ट और पोस्ट टेस्ट फॉलो करने की जरूरत है, जिससे हमें यह पता चलता है कि शिक्षकों ने अंत में क्या सीखा और हमें उन्‍हें आगे क्या सीखने की जरूरत है। इसी तरह शिक्षकों को भी बच्चों का प्री-टेस्ट और पोस्ट टेस्ट फॉलो करना चाहिए।

बच्चे अब एनसीईआरटी के मृदंग से अंग्रेजी और सारंगी से पढ़ेंगे हिंदी

प्रोफेसर सकलानी ने कहा कि एनसीईआरटी की नई पुस्तकों को एनसीएफ के आधार पर विकसित किया गया है। इसके तहत बच्चों की अंग्रेजी की पुस्तक को मृदंग जबकि हिन्दी भाषा की पुस्तक को सारंगी नाम दिया गया है। गणित की किताबों को हिंदी में आनंदमय गणित और अंग्रेजी में जॉयफुल मैथमेटिक्स नाम दिया गया है। इस दौरान उन्होंने बच्चों के लिए एनसीईआरटी के जादुई पिटारा के बारे में बताते हुए कहा कि इसके बॉक्स को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बच्चे उसमें दिए गए बिड्स के बॉक्स के द्वारा गिनती करना, रंगों को पहचानना, जोड़ना, घटाना आदि आसानी से कर सके। कार्यक्रम के स्वागत उद्बोधन में संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉ. दीपक पालीवाल ने संस्थान की ओर से सभी अतिथियों का अभिंनदन करते हुए संस्‍थान के उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में प्रो. विनय स्वरूप मेहरोत्रा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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