भोपाल: ग्राम पंचायत अस्थाई कर्मचारी 7 अक्टूबर को भोपाल में करेंगे प्रदर्शन : वासुदेव शर्मा
- प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है
- अस्थाई कर्मचारी सीएम शिवराज सिंह के सामने रखेंगे अपनी मांग
डिजिटल डेस्क,भोपाल। मप्र की ग्राम पंचायतों में कार्यरत अस्थाई भृत्य, चौकीदार, पंप आपरेटर, कंप्यूटर आपरेटर, लेखापाल 7 अक्टूबर को भोपाल में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से रोजगार सहायकों की तरह न्यूनतम वेतन के दायरे में लाने की मांग करेंगे। उक्ताशय जानकारी गुरूवार को आउटसोर्स, अस्थाई एवं ठेका कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने दी है। वासुदेव शर्मा ने बताया कि संगठन के प्रदेश अध्यक्ष यशवंतराव गेडाम की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया है।
शर्मा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि शिवराज सरकार ने चतुर्थ एवं तृतीय श्रेणी की सारी नौकरियों को अस्थाई, आउटसोर्स कर दी हैं, इन नौकरियों में न सम्मानजनक वेतन है और न ही स्थायित्व, इन नौकरियों के कारण ही समाज के कमजोर एवं मध्यमवर्गीय परिवार आर्थिक संकट में पहुंचे हैं, नौकरियों में आउटसोर्स, अस्थाई प्रथा लागू करके सरकार ने बडा अपराध किया है, इसलिए हमने तय किया है विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद भी राजधानी भोपाल में प्रदर्शन किए जाते रहेंगे। शर्मा ने कहा कि जब राजनीतिक दल आचार संहिता में सभा, रैलियां कर सकते हैं तो कामगार कर्मचारी भी अपने सवालों को उठा सकता है, इसलिए अन्याय के शिकार कर्मचारियों के आचार संहिता के दौरान भी प्रदर्शनों का सिलसिला जारी रहेगा।
ग्राम पंचायतों का शोषण कर रही सरकार
शर्मा ने कहा ग्राम पंचायतें सरकारों की सबसे महत्वपूर्ण इकाई है, जो सीधे जनता से जुडी होती हैं, पंचायती राज व्यवस्था में पंचायत कार्यालयों को गांव का मंत्रालय कहा गया है, जहां से ही सरकार की योजनाएं लोगों तक पहुंचती हैं लेकिन सरकार ने ग्राम पंचायतों का ही गला घोंट दिया है, इनमें अस्थाई कर्मचारियों से 2-4 हजार में काम कराया जा रहा है जो पंचायती राज की अवधारणा के खिलाफ है। शर्मा ने कहा कि सरकार पंचायतों के सभी कर्मचारियों के साथ भी समान रूप से न्याय नहीं कर रही है, पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों के वेतन बडा दिए वहीं पंचायत के दूसरे कर्मचारियों की बात तक नहीं सुन रही।