मध्य प्रदेश: बिजली ठेकेदार को शासन से छल करना पड़ा भारी, 2 हजार के जुर्माने सहित 3 साल की सजा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-27 07:56 GMT

डिजिटल डेस्क, राजगढ/भोपाल। ठेकेदार चंदर सिंह ने विद्युतीकरण कार्य हेतु खरीदे गये सामान को चोरी कर उसकी फर्जी रसीद एसडीओ, भास्कर सक्सेना को दी है। जिस जाली हस्ताक्षर पाये गये। उक्त प्रकरण में जिला न्यायालय राजगढ के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेश कुमार माली के आरोपी ठेकेदार चंदर सिंह को तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी आलोक श्रीवास्तव राजगढ ने की है।

दरअसल फरियादी कार्यपालन यंत्री लाईट एवं मशीनरी जल संसाधन विभाग भोपाल ने शिकायत की थी कि राजगढ मोहनपुरा परियोजना के बासखेडी, एवं राजलीबे पुनर्वास कॉलोनी हेतु विधुतिकरण का कार्य ठेकेदार चंदरसिंह पिता रामलाल परिहार को सामग्री सहित आवंटित किया गया था जिसका कुल ठेका मूल्य 48 लाख रूपये था। जिसके तहत चंदरसिंह परिहार द्वारा उक्त कार्य की सामग्री एवं बीम हार्ड वेयर सामग्री प्रदाय कर कार्यस्थल पाटन रोड पर रखवाया गया था। ठेकेदार से सामग्री प्राप्त होने पर उसे पहला भुगतान 671412 रूपये एवं 1164604 रुपये कुल 1832020 रूपये का भुगतान 22 मार्च 2016 कर दिया था।

लेकिन आरोपी चंदरसिंह ने विद्युतीकरण कार्य हेतु खरीदे गये सामान एचवी केबल 93 नग 11-11 मीटर के तथा आरएस ज्वॉइंट अलग अलग साइजों के 128 नग तथा 10 नग निर्माण स्थल से हटा दिया और विभाग में एक फर्जी रसीद प्रस्तुत कि की उसने उक्त सामग्री एसडीओ, भास्कर सक्सेना को दी है। हस्तलेख विशेषज्ञ की रिपोर्ट में अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत रसीद पर एसडीओ, भास्कर सक्सेना के हस्ताक्षर होना नही पाये गये। तब जल संसाधन विभाग के मुख्यालय भोपाल से प्राप्त निर्देशों के पालन में कार्यपालन यंत्री नंदराम सौलंकी, विद्युक यांत्रिकी लाईट मशीन डिविज़न, भोपाल के ने थाना कोतवाली में मामला दर्ज किया गया था। मामले में विभाग के सभी अधिकारी/कर्मचारियों के बयान लिये गए, और अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

मामले में न्यायालय ने अभियुक्त चंदर सिंह पिता रामलाल पडालिया को 2 वर्ष एवं 1000/-रू जुर्माना तथा धारा 471 कूट रचित दस्तावेजों ( फर्जी रशीद ) का असली के रूप में उपयोग मे लाना के अंतर्गत कुल 1 वर्ष एवं 1000/- जुर्माना के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।

अब अभियुक्त होगा ब्लैकलिस्टेड

अभियुक्त की अनियमितताओं के कारण उसे विद्युत विभाग ने विद्युतीकरण कार्य के लिये ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था। जिससे क्षुब्ध होकर अभियुक्त चंदर ने उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन प्रस्तुत कर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की शिकायत करते हुए ब्लैक लिस्टेड सूची से बाहर करने की मांग की गई थी। जिसे उच्च न्यायालय के द्वारा स्वीकार कर लिया गया था। किन्तु जांच के दौरान अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत माल जमा रशीद उसके गले की फांस बन गई, और उसके आधार पर उसे दण्डित किया गया है। अब विभाग द्वारा पुनः अभियुक्त को दिये गए दण्डादेश के आधार पर ब्लैक लिस्टेड किये जाने की कार्यवाही की जावेगी।

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