भोपाल: नैक की विनियमन प्रक्रिया में उन्नयनीकरण पर कार्यशाला
नैक के चेयरमैन प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे करेंगे संबोधित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल शहर में आईसेक्ट और सृजन संस्था के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की विनियमन प्रक्रिया में उन्नयनीकरण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कल दिनांक 16 अप्रैल 2024 को कुशाभाऊ ठाकरे हाल में किया जा रहा है। इस कार्यशाला में हाल ही में नैक की ग्रेडिंग प्रणाली में होने वाले बदलावों को लेकर चर्चा की जाएगी। नैक की विनियमन प्रक्रिया में सुधार और शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव“ पर विषय विशेषज्ञ अपने अनुभव और विचार साझा करेंगे। जिसमें बतौर मुख्य वक्ता राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की कार्यकारी समिति के माननीय अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल सहस्त्रबुद्धे जी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। मंगलवार दिनांक 16 अप्रैल 2024 को दो विभिन्न सत्रों में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। प्रथम सत्र 10 से 12 बजे तक आयोजित होगा। प्रथम सत्र की अध्यक्षता श्री संतोष चैबे, चेयरमैन आईसेक्ट करेंगे। वहीं डॉ अमोघ कुमार गुप्ता, अध्यक्ष, सृजन, डॉ. भरत शरण सिंह, अध्यक्ष, मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग, श्री प्रसन्न शर्मा, अध्यक्ष निवेदिता सोसायटी उपस्थित रहेंगे। वहीं दूसरे सत्र में डॉ अमिताभ सक्सेना, प्रसिद्ध शिक्षाविद, डॉ एन के तिवारी, डॉ डी के स्वामी उपस्थित रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि नैक ने देश में उच्च शैक्षणिक संस्थानों के लिए बाइनरी प्रत्यायन और परिपक्वता आधारित ग्रेड प्रत्यायन की शुरुआत करते हुए मान्यता प्रक्रिया में व्यापक बदलाव शुरू किए हैं। सभी संस्थानों को मान्यता प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ग्रेड के बजाय बाइनरी प्रत्यायन होगा जिससे उच्च शिक्षा प्रणाली में एक गुणवत्ता संस्कृति का निर्माण होगा। नई शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य शिक्षण प्रशिक्षण को मजबूत करना, मौजूद परीक्षा प्रणाली में सुधार और शिक्षा के ढांचे में सुधार जैसे जरूरी क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना है। वहीं सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को वर्ष 2037 तक 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। आज ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करना है जो सभी नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करे। कार्यशाला में इन विषयों पर सारगर्भित चर्चा की जाएगी। इसी श्रृंखला में नैक ने यह उन्नयनीकरण की योजना प्रस्तावित की है जिस पर मध्य प्रदेश के प्रमुख शिक्षाविद हिस्सा लेंगे।