RBI MPC: आरबीआई की राहत बरकरार, रेपो रेट में नहीं किया बदलाव, लोन की EMI रहेगी स्थिर

  • वित्त वर्ष 2024-25 की पहली MPC बैठक खत्म हुई
  • एमपीसी की बैठक 3 अप्रैल से 5 अप्रैल के बीच हुई
  • आरबीआई गवर्नर दास ने फैसले की घोषणा की

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-05 05:14 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज (05 अप्रैल 2024) खत्म हो चुकी है। इसी के साथ आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी के फैसले की घोषणा की। जिसके अनुसार, रेपो रेट को यथावत 6.5 प्रतिशत पर रखा गया है। यह सातवीं बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।

बता दें कि, ब्याज दरों की समीक्षा के लिए आरबीआई एमपीसी की बैठक 3 अप्रैल से 5 अप्रैल के बीच हुई थी। इस बैठक में वृहद आर्थिक परिस्थितियों की समीक्षा करने के बाद 6 सदस्य की एमपीसी में से 5 सदस्यों ने बहुमत के आधार पर ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है।

आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा?

भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि, वित्त वर्ष 2025 की पहली RBI मौद्रिक नीति बैठक में रेपो रेट को बरकरार रखा है। रेपो रेट के अलावा SDF और MSF में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। इन्हें 6.25 प्रतिशत और 6.75 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है। उन्होंने कहा कि खुदरा महंगाई भले ही मौजूदा सीरीज में निचले स्तर पर आ गई हो, लेकिन अभी खाने-पीने की चीजों के मामले में महंगाई की स्थिति अनिश्चित बनी हुई है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्‍यस्‍था 7 फीसदी के रफ्तार से बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि, वित्त वर्ष 2025 के पहली तिमाही में GDP की रियल ग्रोथ 7.1 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.9 फीसदी और तीसरे-चौथे तिमाही में GDP की ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान है।

उन्होंने आगे बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 की रियल GDP ग्रोथ 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। साथ ही बताया कि GDP मजबूत रहने की वजह मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर का मजबूत रहना है। फरवरी और मार्च में पीएमआई 60 के ऊपर रहा है, जो कि 16 वर्षों का उच्चतम स्तर है।

पहले भी नहीं हुआ रेपोरेट में बदलाव

आपको बता दें कि, भारतीय रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी। इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6.5 प्रतिशत कर दी गई। इसके बाद लगातार 7 बार केंद्रीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक हो चुकी हैं, लेकिन रेपो रेट में ना कोई गिरावट आई और ना ही बढ़ोतरी की गई।

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