RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव, 6.5 फीसदी पर बरकरार
नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों की घोषणा कर दी गई है। जिसके अनुसार, रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। गुरुवार (08 अगस्त 2023) को केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि, सर्वसम्मति से रेपो दर में बदलाव नहीं करने का फैसला किया।
#WATCH | RBI Governor Shaktikanta Das says "Monetary Policy Committee decided unanimously to keep the Repo Rate unchanged at 6.50%" pic.twitter.com/138ppkCarB
— ANI (@ANI) August 10, 2023
दास ने कहा कि, मौद्रिक नीति समिति ने आम सहमति से नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है। साथ ही दावा किया भारत सही ट्रैक पर आगे बढ़ रहा है और आने वाले समय में ये दुनिया का ग्रोथ इंजन बनेगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था का योगदान
उन्होंने ने कहा कि हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी हैं और हमारी इकोनॉमी में ग्रोथ लगातार जारी है। भारत फिलहाल ग्लोबल इकोनॉमी में हो रहे बदलाव का फायदा उठाने के लिए सबसे बेहतर स्थिति है। वैश्विक विकास में भारतीय अर्थव्यवस्था लगभग 15 फीसदी का योगदान दे रही है।
आमजन को बढ़ी राहतआपको बता दें कि, रेपो रेट में इसका सीधा मतलब ये कि, आमजन की जेब पर बोझ नहीं बढ़ेगा। रेपो रेट बरकरार रहने की दिशा में होम लोन या ऑटो लोन की ब्याज दारों में कोई इजाफा नहीं होगा। इससे पहले हुई बैठक में भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था। वहीं महंगाई के बीच एमपीसी का यह फैसला आमजन को बढ़ी राहत देने वाला है।
क्या हैं रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट
आरबीआई जिस रेट पर कमर्शियल बैंकों और दूसरे बैंकों को लोन देता है उसे रेपो रेट कहा जाता है। रेपो रेट कम होने का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले सभी तरह के लोन सस्ते हो जाएंगे। इससे आपकी जमा पर ब्याज दर में भी बढ़ोतरी हो जाती है। बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर जिस रेट पर ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है। बैंकों के पास जो अतिरिक्त कैश होता है उसे रिजर्व बैंक के पास जमा करा दिया जाता है। इस पर बैंकों को ब्याज भी मिलता है।