Ratan Tata Heath: रतन टाटा ने अपनी बिगड़ी तबियत की खबरों को बताया अफवाह, बयान में कहा चिंता की बात नहीं, मैं ठीक हूं

  • स्वास्थ्य दिक्कतों के कारण चेकअप के लिए ले जाया गया
  • ब्रीच कैंडी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है
  • रतन टाटा ने बयान में कहा, चिंता की कोई बात नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-07 07:13 GMT

डिजिटन डेस्क, मुंबई। दिग्गज बिजनेसमैन, टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन और जाने-माने समाजसेवी रतन टाटा (Ratan Tata) ने उनकी तबियत खराब और अस्पताल में भर्ती होने की खबरों को अफवाह बताते हुए बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि, वे अधिक उम्र के कारण रुटीन चेकअप के लिए अस्पताल गए थे, जो गलत जानकारी फैलाई जा रही है, उसको ना माना जाए।

मीडिया रिपोर्ट में तबियत खराब बताई थी

बता दें कि, इससे पहले मीडिया में खबर आई थी कि, रतन टाटा की तबियत खराब होने के बाद उन्हें रात 12:30 से 1:00 बजे के बीच अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि, उनका ब्लड प्रेशर बहुत कम हो गया था और उन्हें तुरंत मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल ले जाया गया है, जहां उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शारुख अस्पी गोलवाला की देखरेख में उनका इलाज चलने की बात कही जा रही थी। बता दें कि, रतन टाटा की उम्र 86 साल है।

बयान में कहा, सब कुछ ठीक है

हालांकि, रतन टाटा ने दोपहर तक अपनी स्थिति को लेकर फैल रही अफवाहों को कम किया। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर खुद पोस्ट करके बयान जारी करते हुए कहा है कि, "चिंता की कोई बात नहीं है..." वह ठीक हैं। उन्होंने कहा कि, मैं अपने स्वास्थ्य के बारे में हाल ही में फैली अफवाहों के बारे में जानता हूं। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये दावे निराधार हैं। मैं वर्तमान में अपनी उम्र और संबंधित चिकित्सा स्थितियों के कारण मेडिकल चेक अप करवा रहा हूं। चिंता का कोई कारण नहीं है। मैं अच्छे मूड में हूं और अनुरोध करता हूं कि जनता गलत सूचना फैलाने से बचें।

काफी समय से हैं बीमार

आपको बता दें कि, इससे पहले भी कई बार 86 वर्षीय रतन की तबियत खराब की खबरें सामने आती रही हैं। अधिक उम्र के कारण वे काफी समय से स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से जूझ रहे हैं। बावजूद इसके टाटा अपनी सीमित क्षमता में सामाजिक जीवन में सक्रिय रहे हैं। टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में अपने सफल कार्यकाल के साथ-साथ रतन हमेशा समाजसेवा से जुड़े रहे हैं। उन्हें अपने नाम के अनुरूप मानवता के रतन के रूप में भी जाना जाता है।

सर्वोच्च नागरिक सहित इन सम्मानों से सम्मानित

रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय योगदान दिए हैं। परोपकार और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए भारत सरकार द्वारा उन्हें दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों, पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008), से सम्मानित किया गया। इसके अलावा रतन टाटा को अनगिनत सम्मान मिल चुके हैं। 

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