इस साल पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने तोड़ी आमजन की कमर, जानें सालभर में कितने बढ़े दाम
अलविदा 2021 इस साल पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने तोड़ी आमजन की कमर, जानें सालभर में कितने बढ़े दाम
- इस साल करीब 30 से 32 फीसदी बढ़े दाम
- दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने वैट कम किया
- राज्य सरकारों ने भी घटाया है पेट्रोल डीजल पर वैट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2021 अपने अंतिम चरण में है, वैसे तो कोरोनावायरस के घातक स्वरूप यानी कि दूसरी लहर के कारण इसे भुला पाना मुश्किल है। लेकिन इस परेशानी से बचे लोगों को पेट्रोल डीजल की बेतहाशा बढ़ती कीमतों ने भी खूब मारा। हालात यह बने कि कई शहरों में पेट्रोल 120 रुपए प्रति लीटर तक जा पहुंचा और डीजल ने भी शतक लगाया। इस लिहाज से भी यह साल याद किया जाएगा। आपको बता दें कि, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाने की चर्चा भी कई बार हुई, लेकिन कई राज्य सरकारों ने इसे ठुकरा दिया।
आम आदमी की बढ़ती इस मुसीबत को कम करने के लिए सालभर में कई बार प्रदर्शन किए गए लेकिन परिणाम जीरो ही रहा। जहां एक ओर सरकार ने कच्चे तेल का हवाला देकर इसमें कोई भी हस्तक्षेप करने से इंकार किया, वहीं राज्य सरकारों ने यह कहकर जीएसटी में लाने से इंकार किया कि उन्हें आम आदमी को राहत से उनकी सरकार को बड़ा घाटा होगा।
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सरकारी तेल कंपनियों ने खूब बढ़ाए दाम
इतना ही नहीं सरकारी तेल कंपनियों (IOC, HPCL और BPCL) के बयान भी यही रहे कि कच्चे तेल में वृद्धि के चलते दाम बढ़ रहे हैं। ऐसे में कच्चे तेल में मामूली वृद्धि के हवाले से तेल कंपनियों ने आम आदमी का खूब तेल निकाला। त्रस्त हो चुकी आम जनता की इस टूटती कमर को आखिर में चुनावी मौसम ने ढाल बनकर बचा लिया। दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने वैट में कटौती कर आम आदमी को राहत दी।
सरकारों को जनता की राहत से घाटे की आशंका
इतना ही नहीं केंद्र के साथ ही कई राज्य सरकारों ने वैट में कटौती कर राहत दी। जिन सरकारों को आमजनतो पहले राहत देने से घाटा नजर आ रहा था। चुनावी मौसम को देखते हुए उन्होंने वैट में कटौती कर अपना छोटा घाटा करके बड़ा घाटा होने से बचाने की कोशिश कर ली। इतना ही नहीं बिना सरकार के हस्तक्षेप के चलने वाली सरकारी तेल कंपनियों ने भी इस चुनावी मौसम में हर बार की तरह राहत देने का काम किया और वाहन ईंधन के दाम में दिवाली के बाद कोई बदलाव नहीं किया।
साल भर में इतनी बढ़ी कीमतें
पिछले सालभर के आंकड़ों पर गौर करें तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें बेतहाशा बढ़ी हैं। लोगों का एक ही रोना है कि पिछले एक साल में आमदनी तो नहीं बढ़ी, लेकिन पेट्रोल-डीजल के भाव आसमान में पहुंच गए। फिलहाल जिस तरह के हालात हैं. उससे कीमतों में कटौती की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है।
आखिरी बार कब बढ़े दाम
इस साल आखिरी बार 02 नवंबर को पेट्रोल 35 पैसे और डीजल की कीमत में 01 नवंबर को 35 पैसे की बढ़ोतरी की थी। जिसके बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 115.85 रुपए प्रति लीटर और डीजल 98.42 रुपए प्रति लीटर तक जा पहुंचा था। मध्य प्रदेश में दिल्ली की अपेक्षा पेट्रोल और डीजल करीब 10 रुपए तक महंगा रहा।
साल-2021 की शुरुआत
साल 2021 की शुरुआत पर गौर करें तो पहली जनवरी (01 January 2021) को दिल्ली में पेट्रोल का भाव 83.71 रुपए प्रति लीटर था, जबकि दिल्ली में डीजल नए साल के पहले दिन 73.87 रुपए प्रति लीटर बिक रहा था। इस हिसाब से 02 नवंबर तक पेट्रोल दिल्ली में 26.33 रुपए लीटर महंगा हो चुका था। जबकि इसी समय में डीजल के दाम 24.55 रुपये लीटर बढ़ चुका था।
चुनावी बादल बरसा रहे राहत, पेट्रोल डीजल की कीमतों में आज भी नहीं हुई वृद्धि
एक साल में 30 से 32 फीसदी तक बढ़े दाम
अगर पिछले एक साल की तुलना करें (केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दी गई राहत से पहले एक नवंबर 2021) तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 01 नवंबर 2020 को पेट्रोल 81.06 रुपए और डीजल 70.46 रुपए प्रति लीटर था। यह कीमत पिछले एक साल में करीब 30 से 32 फीसदी तक बढ़ चुकी थीं।
वर्तमान कीमतें
चुनावी मौसम में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा वैट घटाने के बाद की बात करें तो दिल्ली में पेट्रोल 95.41 रुपए प्रति लीटर और डीजल 86.67 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है। लेकिन आम जनता का मानना है कि यह राहत उन्हें सिर्फ चुनाव तक ही मिलने के आसार हैं। कारण यह कि बीते चुनाव के बाद भी सरकारी तेल कंपनियों ने जबरदस्त तरीके से दाम में वृद्धि कर रेट आसमान में पहुंचाए थे। जबकि चुनाव से पहले दाम वर्तमान की तरह स्थिर रखे थे।