वोडाफोन, एयरटेल बढ़ाएगा मोबाइल सर्विस के रेट, कर्ज से उबरने की कवायद

वोडाफोन, एयरटेल बढ़ाएगा मोबाइल सर्विस के रेट, कर्ज से उबरने की कवायद

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-18 15:13 GMT
वोडाफोन, एयरटेल बढ़ाएगा मोबाइल सर्विस के रेट, कर्ज से उबरने की कवायद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कर्ज में डूबे टेलीकॉम ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया और एयरटेल 1 दिसंबर से मोबाइल सेवाओं की दरें बढ़ाने जा रहे हैं। सोमवार को इसकी घोषणा की गई है। हालांकि, कंपनी ने प्रस्तावित टैरिफ बढ़ोतरी की सीमा या विवरण का खुलासा नहीं किया है।

वोडाफोन आइडिया ने एक बयान में कहा, "यह सुनिश्चित करने के लिए कि उसके ग्राहक विश्व स्तरीय डिजिटल अनुभवों का आनंद लेना जारी रख सकें, वोडाफोन आइडिया 1 दिसंबर 2019 से प्रभावी रूप से अपने टैरिफ की कीमतों में वृद्धि करेगा।"

भारती एयरटेल ने एक बयान में कहा, दूरसंचार क्षेत्र में तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी के साथ अत्यधिक पूंजी के निवेश की लगातार जरूरत है। इसलिए, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि उद्योग डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए हमेशा व्यावहारिक रहे। इसमें कहा गया, तदनुसार, एयरटेल दिसंबर से कीमतों में उचित वृद्धि करेगी।

बता दें कि दूरसंचार ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया ने 30 सितंबर को समाप्त दूसरी तिमाही में 50,921 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड नुकसान दर्ज किया। यह किसी भी भारतीय कंपनी का सबसे बड़ा क्वाटर्ली नुकसान है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 4,874 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

नतीजों के बाद कंपनी ने अपने आप को बाजार में बनाए रखने पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि अब वह सरकार की राहत पर निर्भर है। नतीजों के एक दिन पहले आदित्य बिड़ला समूह ने कहा था कि अगर सरकार समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) को लेकर 39,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी पर बड़ी राहत नहीं देती, तो वह कंपनी में और निवेश नहीं करेगी।

इस तिमाही एयरटेल को भी झटका लगा है। गुरुवार को जारी नतीजों के मुताबिक एयरटेल को जुलाई-सितंबर, 2019 तिमाही में 23,045 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। वहीं पिछले साल की दूसरी तिमाही में कंपनी को 119 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। एयरटेल को भी AGR की वजह से इस तिमाही में तेज झटका लगा है। उसे AGR कुल 28,450 करोड़ रुपये चुकाने हैं।

सुप्रीम कोर्ट का एजीआर पर फैसला पिछले महीने आया था। सरकार का पक्ष यह था कि टेलीकॉम कंपनियों की सालाना एजीआर की गणना करने में गैर टेलीकॉम कारोबार से होने वाली आय को भी जोड़ा जाए।

कोर्ट ने सरकार के पक्ष को मंजूरी दी थी। सालाना एजीआर के ही एक हिस्से का भुगतान टेलीकॉम कंपनी लाइसेंस और स्पेकट्रम शुल्क के रूप में करती है। इस फैसले का सबसे बुरा असर वोडाफोन इंडिया लिमिटेड पर पड़ा।

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