स्टूडेंट हाउसिंग सेगमेंट में बढ़ी निवेश की संभावनाएं, संस्थागत निवेशक हो रहे आकर्षित
स्टूडेंट हाउसिंग सेगमेंट में बढ़ी निवेश की संभावनाएं, संस्थागत निवेशक हो रहे आकर्षित
- इन्होंने इस सेगमेंट में या तो निवेश कर दिया है या फिर निवेश करने की योजना है
- छात्र आवासों की संख्या अगले पांच वर्षों में 13 मिलियन बेड तक पहुंचने की उम्मीद है
- संस्थागत निवेशक और बिल्डर भारत के बढ़ते स्टूडेंट हाउसिंग सेगमेंट में बहुत रुचि दिखा रहे हैं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। संस्थागत निवेशक और बिल्डर भारत के बढ़ते स्टूडेंट हाउसिंग सेगमेंट में बहुत रुचि दिखा रहे हैं क्योंकि वे इस सेंगमेंट में बहुत ज्यादा पोटेंशियल देख रहे हैं। ग्लोबल फंड और स्थानीय डेवलपर्स जैसे वारबर्ग पिंकस, सिकोइया कैपिटल, गोल्डमैन और शीयरवाटर वेंचर्स ने इस सेगमेंट में या तो निवेश कर दिया है या फिर निवेश करने की योजना है।
भारत भर में छात्र आवास के वर्तमान में 8 मिलियन से अगले पांच वर्षों में 13 मिलियन बेड तक पहुंचने की उम्मीद है। हाल ही में नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में, छात्र आवास की भारी मांग को असंगठित क्षेत्र जिसमें किराए के आवास और प्राइवेट होस्टल शामिल है पूरी कर रहे हैं। हालांकि ये अक्सर छात्रों की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाते हैं।
नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, "भारतीय छात्रो का जनसंख्या आधार लगातार बढ़ रहा है। सरकार भी उच्च शिक्षा पर जोर दे रही है, जो स्टूडेंट अकोमोडेशन मार्केट के फलने-फूलने के लिए जरूरी है। इस सेगमेंट में जिस तरह की स्थितियां बन रही है वो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए अच्छी संभावनाएं लेकर आया है।
2018 में लगभग 100 मिलियन डॉलर का निवेश इंडियन स्टूडेंट हाउसिंग मार्केट में किया गया है। नाइट फ्रैंक ने देश में स्टूडेंट हाउसिंग के लिए मौजूदा संभावित मांग को 50 अरब डॉलर होने का अनुमान जताया है। शीयरवाटर वेंचर्स के प्रबंध निदेशक राजीव बैराठी ने कहा, "डिमांड सप्लाई गैप के साथ-साथ शेयर्ड अकोमोडेशन की भारी मांग ने निवेशकों की वैकल्पिक आवास बनाने और ऑपरेट करने में दिलचस्पी बढ़ा दी है। कंपनी की योजना अगले साल तक MiNest ब्रांड के तहत उत्तर भारत में छात्र आवास के लिए 5,000 बेड पेश करने की है।"
वारबर्ग पिंकस के प्रबंध निदेशक, अनीश सराफ ने कहा, "भारत में छात्रों और युवा पेशेवरों की एक बड़ी आबादी अकोमडेशन के लिए किराए के आवास और होस्टल पर निर्भर है। तेजी से बढ़ता शहरीकरण, तेजी से बढ़ती आवास की कीमतें, किराये और ऑनकैंपस आवास की बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते आने वाले दिनों में इसकी डिमांड काफी बढ़ने की उम्मीद है।" बता दें छात्रों और पेशेवरों के लिए किराए के आवास स्थापित करने के लिए वारबर्ग पिंकस ने लेमन ट्री होटल्स के साथ जॉइंट वेंचर किया है।
भारत में दुनिया की सबसे ज्यादा युवा आबादी है जो 1.3 बिलियन आबादी की लगभग 18% है। ये आबादी 15 से 24 साल के बीच है। 2020 तक, भारत सरकार चाहती है कि 18 से 23 साल के आयु वर्ग के 30% लोगों को उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में दाखिला दिलाया जाए। इससे देश की छात्र आबादी 40 मिलियन तक पहुंच जाएगी। ये आंकड़ा यूएस में पढ़ने वाले छात्रों की वर्तमान संख्या से लगभग दोगुना है।