SBI ग्राहकों के लिए अच्छी खबर, RTGS, NEFT और IMPS पर नहीं लगेगा चार्ज
SBI ग्राहकों के लिए अच्छी खबर, RTGS, NEFT और IMPS पर नहीं लगेगा चार्ज
- 1 जुलाई 2019 से मान्य
- पहले हर ट्रांजेक्शन पर लगता था चार्ज
- रिजर्व बैंक के आदेश का किया पालन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बडे़ बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) ने आरटीजीएस (RTGS), आईएमपीएस (IMPS) और निफ्ट (NEFT) चार्ज खत्म कर दिए हैं, एसबीआई ने शुक्रवार को कहा कि देशभर में इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और डिजिटल प्लेटफार्म योनो ग्राहकों के लिए सभी आनलाइन चार्ज खत्म कर दिए गए हैं, ये आदेश 1 जुलाई 2019 से मान्य है।
एसबीआई का मानना है कि उनके इस निर्णय से ग्राहकों को बड़ा फायदा मिलेगा और वे पूरे देश में कभी भी, कहीं भी पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे। आपको बता दें कि पूरे देश में एसबीआई के 6 करोड़ इंटरनेट बैंकिंग यूजर हैं, साथ ही मोबाइल बैंकिंग के भी 1.41 करोड़ ग्राहक हैं। करीब 1 करोड़ लोग बैंक के डिजिटल प्लेटफॉर्म योनो का उपयोग करते हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले एसबीआई 10 हजार रुपए तक ट्रांसफर करने पर 2.25 रुपए चार्ज करता था, निफ्ट करे पर 10 हजार से 1 लाख रुपए तक पर 5 रुपए चार्ज लगत है, डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ाने के लिए एसबीआई ने ब्रांच से आरटीजीएस और एनईएफटी करने वालों के ट्रांजैक्शन में भी 20 प्रतिशत तक घटा दी है।
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आदेश जारी किया था कि एनईएफटी और आरटीजीएस प्रणाली के जरिए पैसे भेजने पर चार्ज न लिया जाए। रिजर्व बैंक ने इस आदेश को 1 जुलाई से लागू करने को कहा था। आपको बता दें कि एनईएफटी (National Electronic Funds Transfer) प्रणाली का उपयोग दो लाख रुपए तक की राशि भेजने के लिए किया जाता है, जबकि आरटीजीएस (Real-time gross settlement) का उपयोग बड़े फंड के लेनदेन में किया जाता है।
डिजिटल ट्रांजेक्शन को देश में बढ़ावा देने के लिए नंदन नीलेकणि की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, जिसके बाद समिति ने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से सभी तरह के शुल्क हटाने की सिफारिश की थी। सिमिति की सिफारिश पर गौर करते हुए केंद्रीय बैंक ने शुल्क हटाने का निर्णय लिया।