Closing Bell : सेंसेक्स 1,325 और निफ्टी 433 अंकों की तेजी के साथ बंद, लोअर सर्किट के बाद सबसे बड़ी इंट्राडे रिकवरी
Closing Bell : सेंसेक्स 1,325 और निफ्टी 433 अंकों की तेजी के साथ बंद, लोअर सर्किट के बाद सबसे बड़ी इंट्राडे रिकवरी
- निफ्टी 433.55 अंक या 4.52 प्रतिशत बढ़कर 10023.70 पर बंद
- सेंसेक्स 1
- 325.34 अंक या 4.04 प्रतिशत की बढ़त के साथ 34103.48 पर बंद
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोनावायरस के कारण दुनिया भर के शेयर बाजारों में कोहराम मचा हुआ है। कारोबारी सप्ताह के पांचवें और आखिरी दिन भारतीय शेयर बाजार में भारी उठा-पटक देखने को मिली। सेंसेक्स 1,325.34 अंक या 4.04 प्रतिशत की बढ़त के साथ 34103.48 पर और निफ्टी 433.55 अंक या 4.52 प्रतिशत बढ़कर 10023.70 पर बंद हुआ। भारतीय स्टेट बैंक, टाटा स्टील और एचडीएफसी टॉप गेनर्स रहे। जबकि एसबीआई, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक सबसे एक्टिव शेयर रहे। वहीं कारोबार के दौरान बाजार में लोअर सर्किट भी लगा था और फिर 45 मिनट बाद ट्रेडिंग शुरु हुई थी।
सेंसेक्स सुबह 2,485.19 अंक या 7.58% की गिरावट के साथ 30292.95 पर और निफ्टी 756.60 अंक या 7.89% नीचे गिरकर 8833.55 पर खुला था। बाद में ये गिरावट करीब 10% तक पहुंच गई और बाजार में लोअर सर्किट लग गया। सेंसेक्स 3,090.62 अंक या 9.43% की गिरावट के साथ 29,687.52 के स्तर पर आ गया था। वहीं निफ्टी भी 966.10 अंक या 10.07% की गिरावट के साथ 8,624.05 के स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि 10.20 बजे एक बार फिर बाजार में कारोबार शुरू हुआ और बाजार में निचले स्तरों से अच्छी खासी रिकवरी देखने को मिली।
निफ्टी: सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट रही थी
तारीख |
प्वाइंट्स |
13 मार्च 2020 |
1035 |
12 मार्च 2020 |
950 |
5 अक्टूबर 2012 |
899 |
22 जनवरी 2008 |
760 |
21 जनवरी 2008 |
728 |
9 मार्च 2020 |
695 |
17 अक्टूबर 2007 |
561 |
9 नवंबर 2016 |
541 |
24 अगस्त 2015 |
531 |
28 फरवरी 2020 |
458 |
बता दें कि शेयर बाजार में 10 फीसदी या उससे अधिक की गिरावट आती है, तो उसमें लोअर सर्किट लग जाता है और ट्रेडिंग कुछ देर के लिए रोक दी जाती है। बीते 12 साल में पहली बार है जब शेयर बाजार में ट्रेडिंग रोकी गई है। जबकि इतिहास में 5वीं बार लोअर सर्किट लगा। सेबी ने सर्किट के लिए तीन ट्रिगर लिमिट 10%, 15% और 20% तय की हैं। यानी उस वक्त बाजार जितने पर है, उसका 10%, 15% और 20% घटने-बढ़ने पर सर्किट लगता है।
दोपहर 1 बजे से पहले शेयर बाजार 10% तक गिरता या चढ़ता है तो ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोक दी जाती है। अगर 1 बजे के बाद 10% उतार-चढ़ाव होता है तो ट्रेडिंग केवल 15 मिनट के लिए रोकी जाती है। वहीं अगर दोपहर 1 बजे से पहले शेयर बाजार में 15% उतार-चढ़ाव आता है तो ट्रेडिंग 1 घंटे 45 मिनट के लिए कारोबार बंद कर दिया जाता है। अगर कारोबार के दौरान किसी भी वक्त शेयर बाजार में 20% या उससे ज्यादा का उतार-चढ़ाव आता है तो बचे हुए दिन के लिए ट्रेडिंग बंद कर दी जाती है।