SBI ने एक बार फिर घटाई ब्याज दरें, जानें आपको कितना फायदा
SBI ने एक बार फिर घटाई ब्याज दरें, जानें आपको कितना फायदा
- 1 साल की MCLR की ब्याज दर 8.15 फीसदी पर आ गई है
- MCLR में कटौती के साथ फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी ब्याज घटाया
- SBI ने सभी अवधि के लिए MCLR में कटौती की घोषणा की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर है। यह कि SBI ने सभी अवधि के लिए MCLR में कटौती की घोषणा की है। बैंक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि MCLR में 10 बेसिस प्वाइंट यानी 0.10 फीसदी की कटौती की गई है। अब 1 साल की MCLR की ब्याज दर 8.25 फीसदी से घटकर 8.15 फीसदी पर आ गई है। नई दरें 10 सितंबर से लागू होंगी।
बैंक ने कहा है कि एक साल के लिये कर्ज की सीमांत लागत आधारित (एमसीएलआर) ब्याज दर ताजा कटौती के बाद घटकर 8.15 % रह जाएगी। बैंक की ज्यादातर ब्याज दरें इसी दर से जुड़ी रहतीं हैं। इससे पहले यह दर 8.25 % रही है।
State Bank of India (SBI) has announced a reduction in its Marginal Cost of Funds-based Lending Rate (MCLR) by 10 basis points (bps) across all tenors. The 1 Year MCLR would come down to 8.15% p.a. from 8.25% p.a. with effect from 10 September, 2019. pic.twitter.com/f9yJOBigM6
— ANI (@ANI) September 9, 2019
फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी ब्याज घटाया
SBI ने MCLR में कटौती के साथ ही फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी ब्याज घटा दिया है। हर अवधि के रिटेल एफडी पर 20-25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती का ऐलान किया गया है। बल्क डिपॉजिटर्स के लिए रेट में 10-20 बीपीएस की कटौती की गई है। पिछले दो महीनों में यह तीसरी बार है जब बैंक ने एफडी पर ब्याज दर को घटाया है।
2019-20 में पांचवीं बार कटौती
आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2019-20 में यह पांचवीं बार है जब एसबीआई ने अपनी MCLR की दरों में कटौती की है। वहीं अगस्त माह में RBI के मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद बैंक ने दूसरी बार MCLR में कटौती की है। पॉलिसी रिव्यू के बाद बैंक ने 15 बेसिस पॉइंट्स की कटौती का ऐलान किया था, जो अगस्त 10 से लागू हुई थी।
ये बैंक भी घटा चुके है ब्याज दर
मालूम हो कि MCLR में कटौती सिर्फ SBI नहीं, बल्कि अन्य कई बैंकों ने की है। इनमें Central Bank of India, Axis Bank, Oriental Bank of Commerce, IDBI Bank और IDFC फर्स्ट बैंक शामलि हैं, जो दरों में कटौती कर चुके हैं।