ड्रोन हमले के बाद आरामको ने दिलाया भारत को भरोसा, तेल आपूर्ति में नहीं आएगी कमी
ड्रोन हमले के बाद आरामको ने दिलाया भारत को भरोसा, तेल आपूर्ति में नहीं आएगी कमी
- आरामको नेभारत को भरोसा दिलाया कि तेल आपूर्ति में कमी नहीं आएगी
- ड्रोन हमले का दुनिया भर के बाजारों पर असर पड़ा है
- सऊदी अरब में आरामको के तेल संयंत्रों पर ड्रोन हमले से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सऊदी अरब में आरामको के तेल संयंत्रों पर ड्रोन हमले से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गई हैं और इसका दुनिया भर के बाजारों पर असर पड़ा है। हालांकि आरामको ने दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता भारत को भरोसा दिया है कि उसे किसी भी तरह की आपूर्ति की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर कहा, सऊदी आरामको पर ड्रोन हमले के बाद उनके शीर्ष अधिकारियों से संपर्क किया गया। उन्होंने कहा, "हमने अपनी ऑइल मार्केटिंग कंपनीज (OMCs) के साथ सितंबर के महीने के लिए हमारे कुल कच्चे तेल की आपूर्ति की समीक्षा की है। हमें विश्वास है कि भारत को आपूर्ति में कोई व्यवधान नहीं होगा। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।"
We have reviewed our overall crude oil supplies for the month of September with our OMCs. We are confident there would be no supply disruption to India. We are closely monitoring the evolving situation.
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) September 16, 2019
इससे पहले दिन में तेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "कल (15 सितंबर) को सऊदी अरामको के अधिकारियों ने भारतीय रिफाइनरों को सूचित किया कि उन्हें आपूर्ति में कोई कमी नहीं होगी। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय भारतीय रिफाइनर और सऊदी अरामको के साथ स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।"
भारत अपनी तेल जरूरतों का लगभग 83 प्रतिशत आयात करता है। इराक के बाद भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता सऊदी अरब है। भारत ने 2018-19 के वित्तीय वर्ष में कुल 207.3 मिलियन टन तेल का इंपोर्ट किया था। इसमें से 40.33 मिलियन टन कच्चा तेल सऊदी अरब से खरीदा गया है।
बता दें कि आरामको पर ड्रोन हमले के बाद कच्चे तेल के दाम में सोमवार को भारी उछाल आया। ब्रेंट क्रूड ऑइल 19.5 प्रतिशत बढ़कर 71.95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। कच्चे तेल का वायदा 1988 में शुरू हुआ था। उसके बाद से डॉलर मूल्य के लिहाज से यह सबसे बड़ी वृद्धि हुई है। अमेरिका का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट वायदा 15.5 प्रतिशत बढ़कर 63.34 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था।