Reatil Inflation: खुदरा महंगाई दर में आई लगातार दूसरे महीने गिरावट, घटकर हुई 5.91%
Reatil Inflation: खुदरा महंगाई दर में आई लगातार दूसरे महीने गिरावट, घटकर हुई 5.91%
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। खुदरा महंगाई दर के मार्च माह के आंकड़े सोमवार को जारी किए गए। फूड आइटमों के दामों में आई कमी के चलते महंगाई दर में लगातार दूसरे महीने गिरावट देखी जा रही है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर मार्च 2020 में घटकर 5.91% हो गई। फरवरी महीने में यह 6.60 प्रतिशत थी। जबकि पिछले साल मार्च में यह 2.86% थी। सेंट्रल स्टेटस्टिक्स ऑफिस (CSO) ने ये आंकड़े जारी किए हैं।
इनमें आई गिरावट
सेंट्रल स्टेटस्टिक्स ऑफिस आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर फूड प्राइज इंफ्लेशन फरवरी के 10.81% के मुकाबले घटकर 8.76% पर पहुंच गया। सब्जियों की महंगाई दर भी 31.61% से घटकर 18.63% हो गई है। दालों की महंगाई दर 16.61% के मुकाबले घटकर 15.85% हो गई। फरवरी में हाउसिंग इंफ्लेशन 4.24% था जो मार्च में घटकर 4.23% पर पहुंच गया।
इनमें हुई बढ़ोतरी
जबकि फ्यूल एंड लाइट इन्फ्लेशन फरवरी के 6.36% के मुकाबले बढ़कर 6.59% हो गई है। अनाज की महंगाई दर भी फरवरी के 5.23% के मुकाबले बढ़कर 5.30% पर पहुंच गई है। फरवरी के 2.05% की तुलना में मार्च में कपड़ों और जूतों की महंगाई दर बढ़कर 2.11% हो गई। जबकि हाउसिंग इंफ्लेशन में थोड़ी गिरावट देखी गई है।
क्या होता है CPI इंडेक्स?
CPI यानि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक। यह रिटेल महंगाई का इंडेक्स है। रिटेल महंगाई वह दर है, जो जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। यह खुदरा कीमतों के आधार पर तय की जाती है। भारत में खुदरा महंगाई दर में खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी की करीब 45% है। दुनिया भर में ज्यादातर देशों में खुदरा महंगाई के आधार पर ही मौद्रिक नीतियां बनाई जाती हैं। भारत में खुदरा महंगाई दर में खाद्य और पेय पदार्थ से जुड़ी चीजों और एजुकेशन, कम्युनिकेशन, ट्रांसपोर्टेशन, रीक्रिएशन, अपैरल, हाउसिंग और मेडिकल केयर जैसी सेवाओं की कीमतों में आ रहे बदलावों को शामिल किया जाता है।
RBI के टारगेट से लगातार ऊपर महंगाई दर
सरकार ने खुदरा महंगाई पर काबू पाने के लिए एक मीडियम टर्म इनफ्लेशन टारगेट तय किया है। इसके तहत मार्च 2021 तक महंगाई दर को 4 फीसदी बनाए रखने की कोशिश की जाएगी। हालांकि महंगाई दर आरबीआई के टारगेट को पार कर गई है।