RBI: सस्ता होगा लोन, ईएमआई न भरने की मोहलत तीन महीने बढ़ी

RBI: सस्ता होगा लोन, ईएमआई न भरने की मोहलत तीन महीने बढ़ी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-22 04:39 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikant Das) ने शुक्रवार को ईएमआई न भरने की महोलत को तीन महीनों के लिए बढ़ा दिया है। इस ऐलान के बाद ग्राहकों को कुल 6 महीने की छूट मिल जाएगी। वहीं आरबीआई ने रेपो रेट में 0.40 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट घटाकर 3.75 फीसदी की कटौती की घोषणा की है। इस फैसले से लोन सस्ता होगा और आम लोगों की EMI कम हो सकती है। 

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उत्पादों की मांग में गिरावट
कांफ्रेंस के दौरान गवर्नर ने बताया कि मैन्युफक्चरिंग PMI अप्रैल महीने में 27.4 फीसद रही है। वहीं सर्विसेज PMI अप्रैल महीने में 5.4 फीसद रही है। उन्होंने बताया कि मार्च महीने में उत्पादों की मांग में 33 फीसद की गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि मांग में कमी के कारण निवेश में भी भारी कमी आई है। उन्होंने बताया कि अप्रैल में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 60 फीसद गिरा है। जब​कि अप्रैल में खाद्य महंगाई दर में तेज उछाल आया है। यह 8.6 फीसद रही है।

निवेश की मांग लगभग थमी
उन्होंने बताया कि वैश्विक कारोबार के मूल्‍य में इस वर्ष 13-32 फीसद की कमी आ सकती है। साथ ही कहा कि निवेश की मांग लगभग थम गई है। कोरोनावायरस (Corona virus) का सबसे बड़ा असर निजी खपत पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालातों में एग्रीकल्चर से उम्मीदें हैं। फॉरेन रिजर्व 487 बिलियन डॉलर है।

GDP ग्रोथ संभावना
आरबीआई गवर्नर ने इस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए महंगाई दर 4 फीसदी के नीचे रहने की संभावना जताई है। उन्होंने बताया कि साल 2021 की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ नेगेटिव रह सकती है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021 दूसरी तिमाही में सुधार आ सकता है।

क्या होती है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट ?
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को RBI कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को ऋण देते हैं। रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे। जैसे कि होम लोन, व्हीकल लोन की तरह कई लोन। जैसा इसके नाम से ही साफ है, यह रेपो रेट से उलट होता है। यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से RBI में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है। बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, RBI रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकमे उसके पास जमा करा दे।

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