पीएमसी बैंक ग्राहकों को राहत, RBI ने विड्रॉल लिमिट बढ़ाकर की 40,000 रुपए
पीएमसी बैंक ग्राहकों को राहत, RBI ने विड्रॉल लिमिट बढ़ाकर की 40,000 रुपए
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (PMC) बैंक के जमाकर्ताओं के लिए निकासी की सीमा को बढ़ाकर 40,000 रुपये कर दिया। पहले निकासी की सीमा एक अकाउंट होल्डर के लिए 25,000 रुपये थी। PMC बैंक की तरलता की स्थिति की समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया है। इस छूट के साथ, बैंक के 77 प्रतिशत जमाकर्ता अपना पूरा खाता शेष निकाल सकेंगे।
यह तीसरी बार है जब बैंक ने निकासी की सीमा बढ़ाई है। नियामक ने पहले 1,000 रुपये की निकासी की, जो बाद में बढ़कर 10,000 रुपये और 25,000 रुपये हो गई। पीएमसी बैंक में फ्रॉड सामने आने के बाद आरबीआई ने 23 सितंबर को बैंक पर 6 महीने का प्रतिबंध लगाने के बाद निर्देश दिए थे। इसके साथ ही आरबीआई ने कहा था कि जमाकर्ता अपने खाते से 1 हजार रुपये से ज्यादा की राशि नहीं निकाल सकेंगे।
इन निर्देशों के बाद मुंबई और देशभर के दूसरे हिस्सों में पीएमसी बैंक की शाखाओं के बाहर लोगों की भीड़ लग गई और अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया था। छोटे जमाकर्ता और कारोबारी सबसे ज्यादा परेशान थे। हालांकि, सरकार की तरफ से यह सुनिश्चित किया गया था कि उनका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है।
बता दें कि पीएमसी बैंक ने अनियमितता बरतते हुए एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) को हजारों करोड़ रुपए का लोन बांटा था। इसके कारण कम से 4,355 करोड़ रुपए का लोन डूब जाने का अनुमान है। बैंक के कर्मचारियों ने एचडीआईएल के खाते को एनपीए घोषित करने से बचाए रखने के लिए कई डमी अकाउंट्स का इस्तेमाल किया था।
इस मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एचडीआईएल के दो प्रमोटरों, राकेश वधावन और उनके बेटे सारंग वधावन को गिरफ्तार किया था। ईओडब्लू ने दावा किया था कि शुरुआती जांच में पता चला है कि बैंक के साफ्टवेयर के साथ कुछ छेड़छाड की गई थी ताकि 44 खातों को छुपाया जा सके। इन खातों का संबंध एचडीआईएल से होने की आशंका है।
पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक की स्थापना 1984 में की गई थी। बैंक ने कुल 8,300 करोड़ के कर्ज दे रखे हैं जबकि बैंक में खातेदारों के 11,600 करोड़ रुपये जमा हैं। इस बैंक की 7 राज्यों महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात, गोवा, आंध्र प्रदेश और एमपी में शाखाएं है। इसमें से अकेले महाराष्ट्र में 103 शाखाएं है जबकि कर्नाटक में 15, गोवा में 6 और दिल्ली में 6 शाखाएं है।