आरबीआई ने दिया झटका, रेपो रेट में 35 बेसिस प्‍वाइंट की बढ़ोत्तरी

आरबीआई एमपीसी बैठक आरबीआई ने दिया झटका, रेपो रेट में 35 बेसिस प्‍वाइंट की बढ़ोत्तरी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-07 05:03 GMT
आरबीआई ने दिया झटका, रेपो रेट में 35 बेसिस प्‍वाइंट की बढ़ोत्तरी
हाईलाइट
  • 35 बेसिस प्‍वाइंट की बढ़ोतरी की घोषणा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तीन द‍िन से चल रही मौद्र‍िक समीक्षा नीत‍ि की बैठक आज यानी कि बुधवार को खत्‍म हो गई है। इस बैठक में व्यापक आर्थिक स्थिति और इसके दृष्टिकोण के आकलन के आधार पर MPC ने 6 में से 5 सदस्यों के बहुमत से नीतिगत रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 35 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.25% करने का निर्णय लिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक के बाद आरबीआई (RBI) ने रेपो रेट में 35 बेसिस प्‍वाइंट की बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसके साथ ही रेपो रेट बढ़कर 6.25 फीसदी हो गया।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, अक्टूबर-दिसंबर 2022 के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान कम होकर 4.4% हो गया। जनवरी-मार्च 2023 के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान कम होकर 4.2% हो गया। FY23 के लिए GDP विकास का अनुमान 7% से घटकर 6.8% हो गया।

वहीं अक्टूबर-दिसंबर 2022 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति का अनुमान 6.5% से बढ़कर 6.6% हो गया। जनवरी-मार्च 2023 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति का अनुमान 5.8% से बढ़कर 5.9% हो गया। अप्रैल-जून 2023 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति पूर्वानुमान 5.0% पर बरकरार रहा। जुलाई-सितंबर 2023 में CPI मुद्रास्फीति 5.4% पर देखी गई।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, FY23 के लिए CPI मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान 6.7% पर बरकरार है। वहीं स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी रेट, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट भी क्रमशः 35 आधार अंकों की वृद्धि के साथ 6% और 6.5% हो गई। 

भारतीय रिजर्व बैंक के सर्वेक्षणों से पता चलता है कि उपभोक्ता विश्वास में और सुधार हुआ है। मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म आउटलुक को लेकर आशावादी हैं। नवंबर में भारत के लिए विनिर्माण, सेवा पीएमआई दुनिया में सबसे ज्यादा है। अगले 12 महीनों में मुद्रास्फीति 4% से ऊपर रहने की उम्मीद है। 

उन्होंने कहा कि, हम महंगाई पर अर्जुन की नजर रखेंगे और कार्रवाई के लिए तैयार रहेंगे। हमारे कदम फुर्तीले होंगे। एफडीआई प्रवाह अप्रैल से अक्टूबर 2022 में बढ़कर 22.7 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 21.3 अरब डॉलर था।

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