टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन को भारत रत्न देने की मांग, रतन टाटा बोले- विनम्र अपील करता हूं ऐसी कैंपेन बंद कर दी जाएं
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन को भारत रत्न देने की मांग, रतन टाटा बोले- विनम्र अपील करता हूं ऐसी कैंपेन बंद कर दी जाएं
- गुजारिश है कि यह सोशल मीडिया कैंपेन बंद कर दें
- रतन टाटा बोले- मेरे लिए भारतीय हाेना ही खुशकिस्मती
- सोशल मीडिया पर टाटा को भारत रत्न देने के लिए कैंपेन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को भारत रत्न देने की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया जा रहा है। #BharatRatnaForRatanTata से ये कैंपन चल रहा है। हालांकि अब खुद टाटा ने ट्वीट कर इस कैंपन को रोकने का आग्रह किया है।
रतन टाटा ने लिखा, "सोशल मीडिया पर एक तबके के लोगों की ओर से मुझे एक अवॉर्ड देने की मांग उठ रही है। मैं आपकी भावनाओं की सराहना करता हूं, लेकिन विनम्र अपील करता हूं कि ऐसे अभियान बंद कर दिए जाएं। मैं भारतीय होने और भारत के विकास और सफलता में योगदान देने के लिए खुद को भाग्यशाली मानता हूं।" बता दें कि सोशल मीडिया पर यूजर्स का कहना है कि रतन टाटा ने हर मुश्किल दौर में देश का साथ दिया और देश के विकास के लिए अहम योगदान दिया है।
While I appreciate the sentiments expressed by a section of the social media in terms of an award, I would humbly like to request that such campaigns be discontinued.
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) February 6, 2021
Instead, I consider myself fortunate to be an Indian and to try and contribute to India’s growth and prosperity pic.twitter.com/CzEimjJPp5
सूरत में 28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से ऑर्किटेक्चर बीएस और हार्वर्ड बिजनस स्कूल से अडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम की डिग्री हासिल की है। साल 1962 में टाटा समूह से अपने करियर की शुरुआत करने वाले रतन टाटा देश के सबसे ईमानदार उद्योगपतियों में गिने जाते हैं।
साल 1991 में उन्होंने टाटा की कमान संभाली थी। उनके कार्यकाल में टाटा ग्रुप ने कई नई ऊंचाइयों को छुआ। रतन टाटा को साल 2000 में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से नवाजा गया। इसके अलावा साल 2008 में उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया।