क्या पेट्रोल-डीजल की कीमतें होंगी कम? निर्मला सीतारमण ने दिया ये जवाब

क्या पेट्रोल-डीजल की कीमतें होंगी कम? निर्मला सीतारमण ने दिया ये जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2021-03-05 11:22 GMT
क्या पेट्रोल-डीजल की कीमतें होंगी कम? निर्मला सीतारमण ने दिया ये जवाब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल (Petrol- Diesel) की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के चलते दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। कई शहरों में भाव 100 रुपए लीटर तक पहुंच गया है। हालांकि इसी बीच सरकार द्वारा टैक्स में कटौती किए जाने की खबरें भी सामने आईं। लेकिन क्या वास्तव में पेट्रोल-डीजल में कमी आएगी, इस सवाल पर वित्त मंत्री सीतारमण का कहना है कि यह धर्मसंट जैसी स्थिति है।

दरअसल, शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कहा, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सराकर और राज्य सरकार को बैठकर बात करनी होगी।

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वित्त मंत्री ने कहा कि, तेल की कीमतों पर जो एक्साइज ड्यूटी लगता है उसका करीब 41 प्रतिशत हिस्सा राज्यों के पास जाता है ऐसे में ये कहना कि कीमत बढ़ने के लिए सिर्फ केंद्र सरकार जिम्मेदार है ये सही नहीं है।

कांफ्रेंस के दौरान जब पूछा ​गया कि, क्या पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल किया जाएगा? इस सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि इस बारे में जीएसटी कौंसिल विचार कर सकती है।

क्या है धर्म संकट
आपको बता दें कि वित्त मंत्री सीतारमण जिस धर्म संकट की बात कर रही हैं। वह यह कि अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर होती है। विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतें क्या हैं, इस आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। इन्हीं मानकों के आधार पर पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMC) पेट्रोल रेट और डीजल रेट रोज तय करती हैं। 

इंडियन ऑयल (Indian Oil), भारत पेट्रोलियम (Bharat Petroleum) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (Hindustan Petroleum) हर रोज सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की दरों में संशोधन कर जारी करती हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक्साइज ड्यूटी, डीलर का कमीशन और अन्य चीजों को जोड़ने के बाद तेल का दाम दोगुना तक बढ़ जाता है। 

... तो और बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

इसके अलावा बात करें राज्यों में अलग- अलग कीमतों की तो प्रत्येक राज्य पेट्रोल व डीजल पर अलग-अलग स्थानीय बिक्री कर अथवा मूल्य वर्धित कर (VAT) लगाते हैं। इस कारण उपभोक्ताओं के लिए राज्यों के हिसाब से डीजल और पेट्रोल की दरें बदल जाती हैं।

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