क्रिप्टोकरेंसी पर संसदीय पैनल की पहली अहम बैठक, बैन नहीं, रेगुलेट करने का इरादा 

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार एक्टिव क्रिप्टोकरेंसी पर संसदीय पैनल की पहली अहम बैठक, बैन नहीं, रेगुलेट करने का इरादा 

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-15 16:51 GMT
क्रिप्टोकरेंसी पर संसदीय पैनल की पहली अहम बैठक, बैन नहीं, रेगुलेट करने का इरादा 
हाईलाइट
  • क्रिप्टो और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को पूरी तरह से बैन नहीं किया जा सकता है
  • क्रिप्टोकरेंसी में बढ़ते निवेश से वित्तीय जोखिम पैदा हुए हैं
  • निवेशकों को डिजिटल करेंसी को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर आज संसदीय पैनल की पहली बैठक हुई। सूत्रों मुताबिक बीजेपी नेता जयंत सिन्हा की अगुवाई में हुई इस बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि क्रिप्टो और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को पूरी तरह से बैन नहीं किया जा सकता है। इसे सही तरीके से रेगुलेट करने की जरूरत है। 

इस बैठक के दौरान संसदीय स्थाई समिति ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, उद्योग निकायों और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों से क्रिप्टोकरेंसी पर चर्चा की। पिछले कुछ समय से क्रिप्टोकरेंसी में बढ़ते निवेश से वित्तीय जोखिमों के साथ-साथ कई और खतरे पैदा हुए हैं। 

क्रिप्टोकरेंसी पर रखनी होगी पैनी नजर 

सूत्रों की मानें तो संसदीय बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि क्रिप्टोकरेंसी को सही तरह से संचालित करने के लिए एक रेगुलेटरी बॉडी बनाई जानी चाहिए । हालांकि, उद्योग संघ और स्टेकहोल्डर इस बारे में स्पष्टीकरण नहीं दे पाए कि किसके तहत यह संस्था काम करेगी। 

सूत्रों की माने तो पैनल के संसद सदस्यों ने भी निवेशकों के पैसे की सुरक्षा के बारे में चिंता जताई। साथ ही उन्होंने सामाचार पत्रों में क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने को लेकर विज्ञापन पर सवाल उठाया है।

13 नवंबर को पीएम की अगुवाई में भी हुई थी बैठक

आपको बता दें, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर मोदी सरकार सक्रिय है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस मुद्दे पर 13 नवंबर को बैठक हुई थी। इस बैठक का फैसला रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय के संयुक्त परामर्श प्रक्रिया के बाद हुआ था, जिसमें मंत्रालयों ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विभिन्न देशों के विशेषज्ञों से इस बारे में मंत्रणा की थी। 

बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर एक व्यापक विधेयक पेश करने के लिए तैयार है, जिसे संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आरबीआई है चिंतित 

भारतीय रिजर्व बैंक ने पहले ही क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना पक्ष सरकार के सामने रख दिया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि, "वर्चुअल करेंसी को लेकर RBI की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हमें क्रिप्टोकरेंसी के बारे में प्रमुख चिंताएं हैं, जो हमने सरकार को बताई हैं। उन्होंने कहा कि निवेशकों को भी डिजिटल करेंसी को लेकर बहुत सतर्क रहने की जरूरत है।"
 

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