सीतारमण बोलीं - भारतीय अर्थव्यवस्था हुई धीमी, लेकिन मंदी का कोई खतरा नहीं

सीतारमण बोलीं - भारतीय अर्थव्यवस्था हुई धीमी, लेकिन मंदी का कोई खतरा नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-27 15:13 GMT
सीतारमण बोलीं - भारतीय अर्थव्यवस्था हुई धीमी, लेकिन मंदी का कोई खतरा नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था भले ही धीमी हो गई हो, लेकिन मंदी का कोई खतरा नहीं है।  बता दें कि भारत में लोगों की परचेजिंग पॉवर घट रही है। इसके चलते उद्योगों का पहिया थम रहा है। देश का ऑटो सेक्टर रिवर्स गियर में चला गया है। पहले क्वार्टर की जीडीपी 6 साल के निचले स्तर पर आ गई थी। इसी वजह से भारत में भी मंदी आने की बात कही जा रही है।

राज्यसभा में देश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने ये बात कही। इस दौरान सीतारमण ने 2009 से 2014 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए-2 शासन और भाजपा के 2014 से 2019 के पहले कार्यकाल की तुलना की। सीतारमण ने कहा कि बीजेपी के कार्यकाल के दौरान महंगाई दर कम रही और ग्रोथ रेट ज्यादा।

सीतारमण ने कहा कि 2009-14 में एफडीआई प्रवाह 189.5 बिलियन डॉलर था और अगले पांच वर्षों में बीजेपी के शासन में यह 283.9 बिलियन डॉलर रहा। उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार भी 304.2 बिलियन डॉलर से बढ़कर 412.6 बिलियन डॉलर हो गया। उन्होंने कहा "आर्थिक विकास धीमा हो सकता है लेकिन मंदी नहीं है।"

सीतारमण ने कहा कि भारत का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ 2009-14 के अंत में 6.4 प्रतिशत थी, जबकि 2014-2019 के बीच यह 7.5 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि बैंकों के सामने आने वाली ट्विन बैलेंस शीट के संकट के कारण पिछले दो वित्तीय वर्षों में जीडीपी में गिरावट आई है।

सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में तरलता की समस्या होने की बात को यह कहकर खारिज कर दिया कि लोन आउटरीच कार्यक्रम में 2.5 लाख करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।

इंडिया की इकोनॉमिक ग्रोथ जून में खत्म हुए पहले क्वार्टर में 6 साल के निचले स्तर 5 प्रतिशत पर आ गई थी। उपभोक्ता की मांग में गिरावट और वैश्विक माहौल के बीच निजी निवेश में कमी इसकी वजह थी। दूसरे क्वार्टर की जीडीपी रिपोर्ट 29 नवंबर को रिलीज होने वाली है। इस क्वार्टर में भी जीडीपी के 5 प्रतिशत से भी नीचे जाने का अनुमान जताया जा रहा है।

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