सीतारमण बोली- इकोनॉमी में क्विक रिकवरी की उम्मीद नहीं, निवेश आने में लगेगा समय
सीतारमण बोली- इकोनॉमी में क्विक रिकवरी की उम्मीद नहीं, निवेश आने में लगेगा समय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन इकोनॉमी के स्लोडाउन को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का बयान सामने आया है। सीतारमण ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगा कि इकोनॉमी का स्लोडाउन बॉटम आउट हो गया है और क्विक रिकवरी आएगी। उन्होंने कहा, "20 बिलियन डॉलर के कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती के ऐलान के बाद कंपनियां नए निवेश की योजना बना रही है। वास्तविक निवेश में कुछ समय लग सकता है।"
इंडियन इकोनॉमी 2013 के बाद सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए है। इन निर्णयों में सबसे आश्चर्यजनक कॉर्पोरेट टैक्स में बड़ी कटौती है जिसने राजस्व चिंताएं बढ़ा दीं है। इन्हीं चिंताओं को देखते हुए रेटिंग एजेंसी मूडीज ने साल 2019 के लिए भारत का आर्थिक वृद्धि दर अनुमान घटाकर 5.6 फीसदी कर दिया है।
रेटिंग एजेंसी ने ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2020-21 में कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि आर्थिक गतिविधि 2020 और 2021 में बढ़कर क्रमश: 6.6 फीसदी और 6.7 फीसदी हो सकती है, लेकिन बीते दिनों की तुलना में इसकी गति कम रहेगी।
बता दें कि सरकार ने घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दर को मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत (सेस और सरचार्ज को मिलाकर) कर दिया था। इतना ही नहीं नई घरेलू कंपनी जिसका गठन 01 अक्टूबर, 2019 को या इसके बाद होगा और 31 मार्च, 2023 से पहले अपना परिचालन शुरू करती है, तो उन्हें 15 प्रतिशत की दर से इनकम टैक्स भुगतान करने का विकल्प मिलेगा।
सेस और सरचार्ज को मिलाकर नई कंपनियों के लिए प्रभावी इनकम टैक्स दर 17.01 प्रतिशत होगी। वर्तमान में नई कंपनियों के लिए टैक्स की दर 25 प्रतिशत है और प्रभावी दर 29.12 प्रतिशत है। इसे 1 अप्रैल 2019 से प्रभावी माना जाएगा। सरकार ने अध्यादेश के आयकर कानून में बदलाव किया है।