महाराष्ट्र: मुंबई के CSMT स्टेशन पर कमर्शियल, रेसिडेंशियल डेवलपमेंट की योजना, मंगाई गई बोलियां

महाराष्ट्र: मुंबई के CSMT स्टेशन पर कमर्शियल, रेसिडेंशियल डेवलपमेंट की योजना, मंगाई गई बोलियां

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-24 18:09 GMT
महाराष्ट्र: मुंबई के CSMT स्टेशन पर कमर्शियल, रेसिडेंशियल डेवलपमेंट की योजना, मंगाई गई बोलियां

डिजिटल डेस्क, मुंबई। इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (IRSDC) दक्षिण-मुंबई में प्रतिष्ठित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर कमर्शियल और रेसिडेंशियल डेवलपमेंट की योजना बना रहा है। यह डेवलपमेंट पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में किया जाएगा। इसके लिए बोलियां भी आमंत्रित की गई है। बता दें कि यह विक्टोरियन गॉथिक शैली में निर्मित 130 साल पुरानी राजसी इमारत है।

अधिकारियों ने कहा कि प्रतिष्ठित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, जो कि यूनेस्को का मान्यता प्राप्त विश्व धरोहर स्थल है और मुंबई का सबसे बड़ा रेलवे टर्मिनल है, 1,642 करोड़ रुपये की लागत से विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ एक मेकओवर पाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के तहत, कुछ रेलवे कार्यालयों को परिसर से बायकुला और वाडी बंडर यार्ड तक शिफ्ट करने और स्टेशन पर एक्सेस कंट्रोल सिस्टम बनाने की योजना है। 

60 और 99 सील की लीज पर मिलेगी भूमि
चयनित बोलीदाता रेलवे स्टेशन के रिडेवलपमेंट और आसपास की रेलवे भूमि पर कमर्शियल डेवलपमेंट के लिए 60 साल तक के लिए लीज के आधार पर काम करेगा। इसके साथ ही बोलीदाता को चयनित प्लॉट्स पर 99 साल तक की लीज के आधार पर रेसिडेंशिल डेवलपमेंट करने की अनुमति होगी। इसके साथ ही बोलीदाता को 60 साल के लिए स्टेशन का ऑपरेशन और मेंटेनेंस का काम दिया जाएगा।

आवेदन की आखिरी तारीख 22 अक्टूबर
प्री-बिड कॉन्फ्रेंस 22 सितंबर को शेड्यूल किया गया है, जबकि आवेदन करने की नियत तारीख 22 अक्टूबर है। अलर्टनेट इन्वेस्टमेंट फंड (AIF) या फॉरेन इन्वेस्टमेंट फंड (FIF) भी इस प्रोजेक्ट में भाग लेने के लिए पात्र हैं। पूरी बोली प्रक्रिया दो चरण में होगी जिसमें रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (RFQ) और रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) शामिल है। 

बोली लगाने के लिए 821 करोड़ की नेट वर्थ होनी चाहिए
फाइनेंशियल कैपेसिटी के मामले में बोली लगाने वाले के लिए पात्रता मानदंड पूर्व वित्त वर्ष की समाप्ति पर नेट वर्थ 821 करोड़ रुपये के करीब होना चाहिए। भूमि उपयोग में कोई बदलाव या पर्यावरण और वन मंत्रालय से पूर्व पर्यावरण मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। आईआरएसडीसी स्थानीय अधिकारियों के परामर्श से मास्टर-प्लान और बिल्डिंग प्लान की मंजूरी के लिए सिंगल विंडो होगी।

Tags:    

Similar News