महंगाई दर को लेकर बोली सीतारमण, 2014 के बाद से नहीं हुई बढ़ोतरी
महंगाई दर को लेकर बोली सीतारमण, 2014 के बाद से नहीं हुई बढ़ोतरी
- 2014 के बाद से महंगाई दर में वृद्धि नहीं हुई
- वित्त मंत्री ने दावा किया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में महंगाई दर नियंत्रण में है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को दावा किया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में महंगाई दर (रिटेल इन्फ्लेशन) पूरी तरह से नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से इसमें बढ़ोतरी नहीं हुई है।
सीतारमण ने कोलकाता में एक कार्यक्रम में उद्योगपतियों, व्यापारियों और उद्यमियों के साथ बातचीत के बाद कहा, "2014 के बाद से मुद्रास्फीति की दर में वृद्धि नहीं हुई है, यदि आप इस मुद्दे को उठाना चाहते हैं तो आपको 2008-2016 के बीच मुद्रास्फीति सूचकांक को देखना होगा। मुद्रास्फीति की बात आने पर कोई भी हमारी सरकार पर सवाल नहीं उठा सकता है। यह बिल्कुल नियंत्रण में है।" वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार सभी क्षेत्रों के सामने आने वाली चुनौतियों का जवाब देगी और उनकी हर संभव मदद की जाएगी।
Finance Minister Nirmala Sitharaman in Kolkata: Inflation rate hasn"t increased since 2014, if you want to raise the issue then you must see the inflation index between 2008-2016. No one can raise questions at our govt when it comes to inflation. It is absolutely under control. pic.twitter.com/xHlrL9EPLf
— ANI (@ANI) September 6, 2019
बता दें कि फिलहाल रिटेल इन्फ्लेशन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के कंफर्ट लेवल से काफी नीचे है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर जुलाई 2019 में घटकर 3.15% पर पहुंच गई थी। जबकि जून महीने में यह 3.18 प्रतिशत थी। सरकार ने केंद्रीय बैंक से इन्फ्लेशन को 4 प्रतिशत के दायरे में रखने को कहा है।
आरबीआई इन्फ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए मॉनिटरी पॉलिसी का उपयोग करता है। इससे पहले अगस्त में अपनी आखिरी बाइमंथली मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग में केंद्रीय बैंक ने इस साल चौथी बार रेपो दर को घटाकर 5.4% कर दिया था। रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI, कमर्शियल बैंकों को उधार देता है।
क्या होता है CPI इंडेक्स?
CPI यानि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक। यह रिटेल महंगाई का इंडेक्स है। रिटेल महंगाई वह दर है, जो जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। यह खुदरा कीमतों के आधार पर तय की जाती है। भारत में खुदरा महंगाई दर में खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी की करीब 45% है। दुनिया भर में ज्यादातर देशों में खुदरा महंगाई के आधार पर ही मौद्रिक नीतियां बनाई जाती हैं।