Wholesale inflation: खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से घटी थोक महंगाई दर, दिसंबर में WPI 1.22% पर

Wholesale inflation: खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से घटी थोक महंगाई दर, दिसंबर में WPI 1.22% पर

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-14 12:39 GMT
Wholesale inflation: खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से घटी थोक महंगाई दर, दिसंबर में WPI 1.22% पर

मुंबई। थोक महंगाई दर के दिसंबर माह के आंकड़े सोमवार को जारी किए गए। खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से दिसंबर 2020 में थोक महंगाई दर (WPI) घटकर 1.22 फीसदी पर आ गई है। नवंबर 2020 में यह 1.55 फीसदी पर थी। जबकि दिसंबर 2019 में यह 2.76 फीसदी दर्ज की गई थी।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार महीने दर महीने के आधार पर प्राइमरी आर्टिकल्स इंफ्लेशन 2.72% के मुकाबले घटकर 1.61% हो गया है। फ्यूल एंड पावर इंफ्लेशन -9.87% से बढ़कर -8.72% हो गया है। मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट इंफ्लेशन 2.97% के मुकाबले बढ़कर 4.24% हो गई है।

क्या होता है WPI इंडेक्स?
बता दें कि WPI की रेट बाजारों में सामान्य तौर पर कुछ समय के लिए वस्तुओं के की थोक कीमतों में उतार-चढ़ाव और महंगाई को दर्शाती हैं। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) की गणना थोक बाजार में उत्पादकों और बड़े व्यापारियों के किये गए भुगतान के आधार पर की जाती है। इसमें उत्पादन के प्रथम चरण में अदा किये गए मूल्यों की गणना की जाती है। भारत में मुद्रा स्फीति की गणना इसी सूचकांक के आधार पर की जाती है।

खुदरा महंगाई दर में भी गिरावट
इससे पहले खुदरा महंगाई दर के भी आंकड़े जारी किए गए थे। फूड प्रोडक्ट की घटी कीमतों के कारण दिसंबर में खुदरा महंगाई दर पिछले महीने के  6.93% से घटकर 4.59% हो गई। फूड प्रोडक्ट की महंगाई दर नवंबर में 9.43% थी जो दिसंबर में घटकर 3.41% हो गई। वहीं अर्थव्यवस्था के एक अन्य प्रमुख बैरोमीटर, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन निगेटिव जोन में है। नवंबर में इसमें 1.9 प्रतिशत का कॉन्ट्रेक्शन आया है। इसका मुख्य कारण मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और कैपिटल गुड्स सेक्टरों का लोअर आउटपुट है। 

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