लॉकडाउन: मई के अंत तक 4 करोड़ लोग नहीं कर पाएंगे मोबाइल फोन का इस्तेमाल- ICEA

लॉकडाउन: मई के अंत तक 4 करोड़ लोग नहीं कर पाएंगे मोबाइल फोन का इस्तेमाल- ICEA

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-24 17:22 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में नोवल कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ते ही जा रहा है। इस महामारी से देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है। वहीं लोगों के सामने रोजगार और उद्योग धंधे भी बंद हो रहे हैं। इस समय देश में लॉकडाउन लागू है जो 3 मई को समाप्त होगा, जो वर्तमान में हालात को देखकर निश्चित है कि आगे भी बढ़ाया जा सकता है। इस बीच भारत सेलुलर इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने एक बड़ा दावा किया है। ICEA ने कहा कि लॉकडाउन के कारण अगर हैंडसेट और स्पेयर पार्ट्स की बिक्री पर प्रतिबंध लागू रहा तो मई के अंत तक चार करोड़ लोग मोबाइल इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

गौरतलब है कि सरकार ने लॉकडाउन के कारण केवल आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री की अनुमति दी है। दूरसंचार, इंटरनेट, प्रसारण और आईटी सेवाओं के संचालन की अनुमति है, लेकिन मोबाइल उपकरणों को नहीं जो इन सेवाओं तक पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण हैं। 

लोगों को होगी समस्या:
ICEA के सदस्यों में Apple और Xiaomi जैसे प्रमुख हैंडसेट निर्मता शामिल है। यह कंपनी हर महीने लगभग 2.5 करोड़ नए मोबाइल फोन बेचती है और वर्तमान में मोबाइल फोन की सक्रिय आबादी 85 करोड़ है। वहीं करीब 2.5 करोड़ लोगों के मोबाइल फोन में छोटी मोटी समस्या और टूटने की शिकायत आती है। ICEA ने कहा कि नए उपकरणों की उपलब्धता और मौजूदा उपकरणों की मरम्मत नहीं होने के कारण कई लोगों को परेशानी होने वाली है। 

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प्रधानमंत्री सहित अधिकारियों से किया संपर्क:
भारत सेलुलर इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन ने आवश्यक सामानों की सूची में मोबाइल फोन को शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई सरकारी अधिकारियों से संपर्क किया है। एसोसिएशन ने कहा है कि उपकरणों के बिना कई लोगों के लिए जीवन के लिए खतरनाक स्थिति हो सकती है। ICEA  के अध्यक्ष पंकज मोहिन्द्रू ने कहा, हमने सरकार को पत्र लिखा है और बताया है कि मई के अंत से पहले लगभग चार करोड़ लोगों के पास मोबाइल फोन की समस्या होगी। इस लिए ऑनलाइन माध्यम और रिटेल माध्यम से मोबाइल डिवाइस की होम डिलीवरी की शुरुआत करनी चाहिए। 

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कैसें करेंगे अरोग्य सेतु का इस्तेमाल:
ICEA ने कहा कि कुछ जिला प्रशासनों ने सरकार के कोरोनावायरस केस ट्रैकिंग एप Aarogya Setu को लोगों के लिए अनिवार्य बना दिया है, जो अपने घरों से बाहर व्यापार करते हैं। ऐसे में उन लोगों को काफी कठिनाई होगी जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है। 

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