IIP: इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में जून महीने में 16.6 फीसदी की गिरावट आई, लेकिन अनुमान से बेहतर

IIP: इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में जून महीने में 16.6 फीसदी की गिरावट आई, लेकिन अनुमान से बेहतर

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-11 16:43 GMT
IIP: इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में जून महीने में 16.6 फीसदी की गिरावट आई, लेकिन अनुमान से बेहतर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल गुड्स को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में कमजोरी के कारण भारत का औद्योगिक उत्पादन लगातार चौथे महीने में गिर गया। मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन में पिछले साल जून की तुलना में 16.6% की गिरावट आई है। निगेटिव जोन में होने के बावजूद आईआईपी अनुमान से बेहतर है। जून महीने में -22% प्रतिशत के आईआईपी ग्रोथ का अनुमान लगाया गया था। 

साल दर साल के आधार पर सेक्टरों का हाल
अगर सेक्टर की बात करें तो जून 2020 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 17.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 0.3 फीसदी का इजाफा हुआ था। वहीं माइनिंग सेक्टर की बात करें तो जून-2020 में 19.8 फीसदी की गिरावट देखी गई, जबकि जून 2019 में माइनिंग सेक्टर में 1.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। बिजली उत्पादन जून 2020 में 10 फीसदी कम हुआ। पिछले साल जून में बिजली उत्पादन में 8.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। 

महीने दर महीने के आधार पर सेक्टरों का हाल
महीने दर महीने के आधार पर देखा जाए तो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ मई के -38.4% के मुकाबले जून में -17.1% रही। माइनिंग आउटपुट ग्रोथ -20.5% के मुकाबले -19.8%, बिजली उत्पादन ग्रोथ -14.9% के मुकाबले 10%, प्राइमरी गुड्स आउटपुट 19.7% के मुकाबले 14.6%, कैपिटल गुड्स ग्रोथ -65.2% के मुकाबले -36.9% रही है। इंटरमीडिएट गुड्स आउटपुट -40.6% के मुकाबले -25.1%, इंफ्रा गुड्स ग्रोथ -40.7% के मुकाबले -21.3% रही। वहीं कंज्यूमर ड्यूरेबल ग्रोथ -69.4% के मुकाबले -35.5% और कंजूरमर नान-ड्यूरेबल गुड्स की ग्रोथ 11.4% के मुकाबले बढ़कर 14% हो गई।

क्या कहा सांख्यकि मंत्रालय ने?
मार्च के बाद पहली बार, सरकार ने पिछले दो महीनों में केवल सूचकांक के आंकड़ों को प्रकाशित करने के बाद, प्रतिशत परिवर्तन को जारी किया। सांख्यिकी मंत्रालय का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद के महीनों के आईआईपी को संक्रमण के पूर्व महीनों से तुलना करना सही नहीं है। सरकार ने COVID-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन किया था। इसकी वजह से बड़ी संख्या में औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में काम नहीं हो रहा था। लॉकडाउन के खत्म होने के बाद अब इंडस्ट्रियल एक्टिविटी दोबारा से जोर पकड़ रही है।

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