गवर्नमेंट पैनल ने की क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध की सिफारिश, खरीदना-बेचना होगा अपराध
गवर्नमेंट पैनल ने की क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध की सिफारिश, खरीदना-बेचना होगा अपराध
- गवर्नमेंट कमेटी ने देश में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है
- सरकार भारत में क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के लिए कानून ला सकती है
- सोमवार को यह रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को सौंप दी गई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंटर मिनिस्ट्रियल गवर्नमेंट कमेटी ने देश में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। इसके अलावा कमेटी ने डिजिटल करेंसी से संबंधित किसी भी गतिविधि को अंजाम देने वालो पर जुर्माना लगाए जाने का प्रावधन की भी सिफारिश की है। क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों से जुड़े जोखिम और अस्थिरता का हवाला देते हुए कमेटी ने ये फैसला लिया है। सरकार आखिरी फैसला लेने से पहले संबंधित विभागों और रेग्युलेटर्स से मशविरा करेगी। सोमवार को यह रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को सौंप दी गई।
वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े सभी मुद्दों को लेकर एक इंटर मिनिस्ट्रियल कमेटी की नियुक्ति नवंबर 2017 में सरकार ने की थी। कमेटी ने एक ड्राफ्ट बिल "बैनिंग ऑफ क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2019 को प्रस्तावित किया है, जिसे सार्वजनिक डोमेन में रखा गया है। कमेटी ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी बेचने-खरीदने एवं रखने वालों को एक साल से लेकर दस साल तक कैद की सिफारिश की है। वहीं, इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त व्यक्ति को लाखों रुपए का जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
कमेटी ने ये भी कहा है कि हाल ही में बिटकॉयन के नाम पर 2000 करोड़ रुपए के घोटाले हुए। इसके तहत कई उपभोक्ताओं के साथ धोखा हुआ। किसी भी देश ने लिगल टेंडर के रूप में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी है। 2017 में चीन ने भी अपनी करेंसी के साथ क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि कमेटी ने सुझाव दिया कि सरकार चाहे तो सेंट्रल बैंक की तरफ से डिजिटल करेंसी जारी की जा सकती है। इसकी मदद से खुदरा एवं थोक दोनों खरीदारी संभव हो सकेगी।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को संसद में एक सवाल के जवाब में कहा था कि वर्तमान में, क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए कोई अलग कानून नहीं है। इसलिए, सभी संबंधित विभाग और कानून प्रवर्तन एजेंसियां, जैसे कि RBI, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर प्राधिकरण, आदि संबंधित मौजूदा कानूनों के अनुसार कार्रवाई करते हैं।" बता दें कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने पहले बैंकों और वित्तीय संस्थानों को क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में सेवाएं प्रदान करने से रोक दिया था।