General Motors के 50 हजार श्रमिकों की हड़ताल, 2007 के बाद ऐसा पहली बार हुआ
General Motors के 50 हजार श्रमिकों की हड़ताल, 2007 के बाद ऐसा पहली बार हुआ
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- 000 कर्मचारी हड़ताल पर रहने की घोषणा की थी
- अमेरिका में 12 साल बाद ऑटो सेक्टर में पहली हड़ताल
- कंपनी की बातचीत विफल होने के बाद की हड़ताल
डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। अमेरिका में General Motors के करीब 50,000 श्रमिकों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। विदेशी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रमिकों के वेतन व शर्तों को लेकर यूनियन के साथ दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी की बातचीत विफल होने के बाद हड़ताल पर जाने का फैसला लिया गया। अमेरिका में 2007 के बाद ऑटो सेक्टर में होने वाली ये पहली हड़ताल है।
UAW की घोषणा
यूनाइटेड ऑटो वर्कर्स यूनियन (UAW) ने रविवार को घोषणा की कि अमेरिका में जनरल मोटर्स के संयंत्रों में लगभग 49,000 कर्मचारी आधी रात से पहले हड़ताल पर चले जाएंगे क्योंकि कर्मचारियों के नए कॉन्ट्रैक्ट पर होने वाली महत्वपूर्ण वार्ता टूट गई है। इस वार्ता में ये तय किया जाना था कि कंपनी में काम करने वाले कितने कर्मचारियों की नौकरी के कॉन्ट्रैक्ट को फिर से रेन्यू किया जाएगा।
यूनियन को एक और प्रस्ताव
एक रिपोर्ट के अनुसार, यूनाइटेड ऑटो वर्क्स (यूएडब्ल्यू) के जीएम यूनियन वाइस प्रेसिडेंट टेरी डिट्टस ने डेट्रॉयट में संवाददाताओं को बताया, "हम उचित मजदूरी की मांग कर रहे हैं। हम वहन योग्य और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल की मांग कर रहे हैं।"
General Motors ने एक बयान में यह भी कहा है कि शनिवार को यूनियन को एक और प्रस्ताव दिया गया था। जिसमें अमेरिकी प्लांट में 7 बिलियन डॉलर से अधिक के निवेश करने और 5,400 नए पदों के सृजन को प्रस्तावित किया गया है। बयान के अनुसार कंपनी ने लाभ के बंटवारे में प्रत्येक श्रमिक को 8,000 डॉलर का भुगतान और लाभ साझा करने का भी वादा किया है।
वॉकआउट के पक्ष में मतदान
बता दें कि, बीते रविवार को करीब 200 प्लांट के यूनियन लीडर्स ने डेट्रायट में एक बैठक के दौरान सर्वसम्मति से वॉकआउट के पक्ष में मतदान किया था। संघ के नेताओं ने कहा कि कंपनी नए उत्पादों को बनाने के बजाए 4 में से 2 प्लांट को बंद करने की योजना बना रही है।
यह हड़ताल ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी कार उद्योग की बिक्री में मंदी, और इलेक्ट्रिक वाहनों में निवेश से संबंधित बढ़ती लागत और उत्सर्जन पर अंकुश लगने लगा है।