Budget 2020: वित्तमंत्री सीतारमण का दूसरा बजट आज, इन तरीकों से मध्यम वर्ग को मिल सकती है राहत

Budget 2020: वित्तमंत्री सीतारमण का दूसरा बजट आज, इन तरीकों से मध्यम वर्ग को मिल सकती है राहत

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-01 02:41 GMT
Budget 2020: वित्तमंत्री सीतारमण का दूसरा बजट आज, इन तरीकों से मध्यम वर्ग को मिल सकती है राहत
हाईलाइट
  • इनकम टैक्स और घेरलू सामान के दाम कम होने की आस
  • पिछले दो बजट में किसानों और कॉरपोरेट सेक्टर में मिली राहत
  • मध्यम वर्ग को मोदी सरकार से उम्मीद

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरकार का पिछले वर्ष पेश अंतरिम बजट किसानों और गरीबों पर केंद्रित था। इसके बाद जुलाई 2019 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पहला बजट पेश किया था। इसमें बिजनेस और कॉरपोरेट सेक्टर पर खास ध्यान दिया गया था। इस बार बजट में मोदी सरकार का विशेष ध्यान मिडिल क्लास पर होगा। पिछले चार-पांच वर्ष से आर्थिक मंदी और बढ़ती महंगाई के कारण आम आदमी की कमर टूट गई है। मध्यम वर्ग राहत पाने का लंबे समय से इंतजार कर रहा हैं। पर्सनल इनकम टैक्स में कमी करके ही जनता तक पैसा पहुंचाया जा सकता है। पीयूष गोयल और निर्मला के पहले बजट में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और निवेश को बढ़ाने में कोई सहायता नहीं मिली थी। यह जरूरी है कि वित्तमंत्री मध्यम वर्ग के भरोसे को बढ़ाएं। आइए जानते हैं इन तरीकों से मिडिल क्लास को राहत मिल सकती है।

बेसिक छूट की सीमा बढ़े
आयकर छूट की सीमा साल 2014 से 2.5 लाख रुपए तक रही है। पिछले वर्ष इसे बढ़ाकर पांच लाख रुपए किया गया, लेकिन उन्हीं लोगों के लिए जिनकी इनकम पांच लाख रुपए तक है। सरकार 2.5 से पांच लाख रुपए तक की आय पर लगने वाले टैक्स के बदले रिबेट देती है। सरकार को इसे बढ़ाकर पांच लाख रुपए तक की आय पूरी तरह टैक्स फ्री कर देना चाहिए। 

स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ना चाहिए
वर्ष 2018 में स्टैंडर्ड डिडक्शन को लाया गया था, ताकि वेतनभोगी और व्यापारी वर्ग को बराबर स्तर पर रखा जाए। इसकी सीमा 50 हजार रुपए है। जिसे बढ़ाकर 75 हजार रुपए कर देना चाहिए। 

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मेडिकल और ट्रैवल अलाउंस में मिले छूट
स्टैंडर्ड डिडक्शन आने से मेडिकल और ट्रैवल अलाउंस पर मिलने वाले टैक्स छूट को खत्म कर दिया गया है। इन्हें वापस लाकर सीमा बढ़ानी चाहिए। मेडिकल रीइम्बर्समेंट 50 हजार रुपए सालना और चार हजार तक मासिक ट्रैवल अलाउंस को टैक्सबल आय के दायरे से बाहर रखना चाहिए। 

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लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स छूट की सीमा अगर बढ़े तो मिडिल क्लास को राहत मिलेगी। 1 अप्रैल 2018 से शेयरों पर होने वाले कैपिटल गेन्स को एक लाख रुपए तक मुक्त किया गया है। इस छूट सीमा को बढ़ाकर दो लाख तक किया जाना चाहिए। 

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