आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को दो महीने तक मिलेंगे मुफ्त पांच किलो अनाज, एक किलो दाल: वित्त मंत्री
आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को दो महीने तक मिलेंगे मुफ्त पांच किलो अनाज, एक किलो दाल: वित्त मंत्री
डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को करीब आठ करोड़ प्रवासी कामगारों को दो महीने मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने की घोषणा की। इसके तहत प्रवासी मजदूरों को पांच किलो अनाज और एक किलो दाल मुफ्त दी जायेगी। यह सुविधा उन प्रवासी कामगारों को भी उपलब्ध होगी जिनके पास उस राज्य का राशन कार्ड नहीं है जहां वह फंसे हैं अथवा वह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत नहीं आते हैं।
सीतारमण ने आर्थिक राहत पैकेज की दूसरी किस्त की घोषणा करते हुए कहा कि इसके लिये 3,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके लिये राज्यों को अतिरिक्त अनाज की आपूर्ति की जायेगी। मुफ्त अनाज की आपूर्ति मई और जून 2020 के दौरान होगी। उन्होंने कहा कि इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठायेगी जबकि राज्य सरकारें इसका क्रियान्वयन करेंगी और लाभार्थी प्रवासी मजदूरों की पहचान करेंगी।
सीतारमण ने कहा कि वैसे प्रवासी मजदूर जिन्हें न तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) का लाभ मिलता है और न ही वे राज्य राशन कार्ड के लाभार्थी हैं, उन्हें दो महीने तक प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलो अनाज और प्रति परिवार एक किलो चना दाल दी जायेगी। इस समय प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना (पीएमजीएवाई) के तहत पीडीएस (राशन) कार्ड धारकों को जून तक तीन महीने के लिये प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलो खाद्यान्न और पूरे परिवार को एक किलो दाल दी जा रही है। इससे 80 करोड़ से अधिक गरीबों को लाभ मिल रहा है। यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पहले से सस्ती दर पर मिल रहे पांच किलो अनाज के अतिरिक्त है।
वित्त मंत्री ने पैदल जा रहे मजदूरों के बारे में कहा कि राज्य सरकारों द्वारा पका हुआ भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्यों को इस उद्देश्य के लिये रियायती दर पर खाद्यान्न खरीदने की अनुमति है। उन्होंने कहा कि गैर-सरकारी संगठनों और धर्मार्थ संस्थाओं को भी पका हुआ भोजन परोसने के लिये केन्द्र सरकार से 24 रुपये प्रति किलो गेहूं और 22 रुपये प्रति किलो की सस्ती दर से चावल खरीदने की अनुमति है।