डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में FY-19 में 82,000 करोड़ रुपये का शॉर्टफॉल
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में FY-19 में 82,000 करोड़ रुपये का शॉर्टफॉल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 2018-19 के दौरान 82,000 करोड़ रुपये का शॉर्टफॉल देखा गया है। इस शॉर्टफॉल की वजह कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन में कमी आई है। सरकार ने 12 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था। टोटल टैक्स कलेक्शन नंबर बताते हैं कि यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13.4 प्रतिशत अधिक है, लेकिन संशोधित लक्ष्य से 18 प्रतिशत कम है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस कमी का एक कारण जितनी अपेक्षा की गई थी उसकी तुलना में कम कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन है। कुछ क्षेत्रों से कलेक्शन पिछले वर्ष की तुलना में बहुत कम रहा है। इसके अलावा, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का मुनाफा कम रहा है, जिसका टैक्स कलेक्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 2019-20 के लिए सेंट्रल एक्शन कमेटी का गठन किया है जो सुधार के क्षेत्रों का सुझाव देगी।
26 मार्च को, सीबीडीटी मेंबर (राजस्व) नीना कुमार ने सभी क्षेत्रीय प्रमुखों को एक पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया था कि 12 लाख करोड़ रुपये के बजट कलेक्शन टार्गेट के मुकाबले, 23 मार्च तक केवल 85.1 प्रतिशत या 10.21 लाख करोड़ रुपये कलेक्ट किए गए थे। कुमार ने पत्र में लिखा है, "माइनर हेड-वाइज एनालिसिस रेगुलर टैक्स कलेक्शन में नेगेटिव ट्रेंड की तरफ इशारा कर रहा है। पिछले हफ्ते रेगुलर कलेक्शन -5.2 के मुकाबले -6.9 प्रतिशत रहा है। यह एक खतरनाक स्थिति है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।"