Lockdown Effect: सीआईआई ने सरकार को कहा- तत्काल 15 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज जारी करें
Lockdown Effect: सीआईआई ने सरकार को कहा- तत्काल 15 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज जारी करें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने कहा कि लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हो रहा है। इस पर लंबे समय तक रोक लगाने का गंभीर असर होगा। सरकार को 15 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज जारी करना चाहिए। सीआईआई (CII) के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर (Vikram Kirloskar) ने कहा कि इकॉनमी नकारात्मक प्रभाव पहले की तुलना में अधिक होने की उम्मीद है। इसे अब राजकोषीय प्रोत्साहन द्वारा ऑफसेट करने की जरूरत है।
अर्थव्यवस्था उत्पादन आउटपूट खो देगी
किर्लोस्कर ने सरकार को 15 लाख करोड़ रुपए के तत्काल प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करने की सिफारिश की है, जो जीडीपी का 7.5% है। उन्होंने कहा कि जब तक लॉकडाउन (Lockdown) का तीसरा चरण समाप्त नहीं होता, तबतक अर्थव्यवस्था लगभग दो महीने का उत्पादन आउटपूट खो देगी। गौरतलब है कि लॉकडाउन 17 मई को समाप्त होने वाला है।
तत्काल प्रोत्साहन की आवश्यकता है
सीआईआई (CII) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि गरीब और उद्योग दोनों को सरकार की तरफ से तत्काल प्रोत्साहन की आवश्यता है। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रवासी मजदूरों को प्रस्तावित नकदी हस्तांतरण के दायरे में रखा जाए। सीआईआई ने उद्यमों को अतिरिक्त कार्यशील पूंजी के रूप में दो लाख करोड़ रुपए की तत्काल सहायता की मांग की। ताकि कर्मचारियों के वेतन का भुगतान हो सके और वह बेरोजगार नहीं हो।
Shramik Special Train: यात्रियों के लिए रेलवे ने जारी किए नियम, जानें कैसे मिलेगा टिकट, खाना और पानी
क्रेडिट सुरक्षा योजना का सुझाव
सीआईआई (CII) ने कहा कि बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली अतिरिक्त कार्यशील पूंजी को सरकार द्वारा 4-5% ब्याज की गारंटी दी जानी चाहिए। भारतीय उद्योग परिसंघ ने एक क्रेडिट सुरक्षा योजना का सुझाव दिया, जहां 60-70% कर्ज की गारंटी सरकार द्वारा ली जानी चाहिए। सीआईआई ने राज्य में चलने वाली बिजली वितरण कंपनियों को घाटे से उबारने के लिए दो लाख करोड़ रुपए आवंटन का सुझाव भी दिया।
Lockdown 3: सरकार ने दी राहत- खुलेंगे सैलून और शराब की दुकानें, ई कॉमर्स को भी परमिशन
फिक्की ने 10 लाख करोड़ के पैकेज की मांग की
अन्य उद्योग संघों ने भी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एक बड़े प्रोत्साहन पैकेज की मांग की है। जबकि फेडरेशन ऑफ इंडिया चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (Ficci) ने 10 लाख करोड़ के पैकेज के लिए कहा है। वहीं पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने 16 लाख करोड़ रुपए की मांग की है। एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (Assocham) के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने प्रोस्ताहन पैकेज की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नीति आयोग मे 10 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज का प्रस्ताव दिया है और हमने 14 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का सुझाव दिया है।