शेयर बाजार में 3 साल की सबसे बड़ी गिरावट, निवेशकों के डूबे 5 लाख करोड़ रुपए

शेयर बाजार में 3 साल की सबसे बड़ी गिरावट, निवेशकों के डूबे 5 लाख करोड़ रुपए

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-08 12:58 GMT
शेयर बाजार में 3 साल की सबसे बड़ी गिरावट, निवेशकों के डूबे 5 लाख करोड़ रुपए
हाईलाइट
  • शेयर बाजार में तीन साल की सबसे बड़ी इंट्रा डे गिरावट देखी गई
  • निफ्टी 252.55 की गिरावट के साथ 11
  • 558.60 के स्तर पर बंद हुआ
  • सेंसेक्स 792.82 अंकों की गिरावट के साथ 38
  • 720.57 पर बंद हुआ

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्रीय बजट के बाद शेयर बाजार में बिकवाली का भारी दबाव नजर आ रहा है। सोमवार को शेयर बाजार में तीन साल की सबसे बड़ी इंट्रा डे गिरावट देखी गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 792.82 अंकों की गिरावट के साथ 38,720.57 के स्तर पर बंद हुआ तो वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी में 252.55 अंकों की गिरावट देखी गई। निफ्टी 11,558.60 के स्तर पर बंद हुआ। सबसे ज्यादा गिरावट सरकारी बैंकिंग स्टॉक्स में देखने को मिली। पैनिक सेलिंग के चलते पिछले दो कारोबारी सत्रों में निवेशकों के 5 लाख करोड़ रुपये डूब गए।

कैसा रहा दिनभर का कारोबार?
सेंसेक्स सुबह 37.01 अंकों की मामूली गिरावट के साथ 39,476.38 पर खुला और 792.82 (2.01%) की गिरावट के साथ 38,720.57 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेसेंक्स ने 39,476.38 के ऊपरी और 38,605.48 के नीचले स्तर को छुआ। जबकि निफ्टी 40.75 अंक की गिरावट के साथ 11,770.40 पर खुला और 252.55 (2.14%) की गिरावट के साथ 11,828.25 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी का हाई 11,771.90 और लो 11,523.30 रहा।

मिडकैप और स्मॉलकैप में भी गिरावट
BSE का मिडकैप इंडेक्स 293.12 (-1.99%) की गिरावट के साथ 14,432.53 और स्मॉलकैप इंडेक्स -347.30 (-2.46%) की गिरावट के साथ 14,380.51 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी के मिडकैप 100 इंडेक्स में -2.70% की गिरावट देखी गई। यह 17,056.25 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी का स्मॉलकैप 100 इंडैक्स -2.36% की गिरावट के साथ 6,053.90 के स्तर पर बंद हुआ।

NSE के सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में
NSE पर सभी 11 सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। सबसे ज्यादा गिरावट निफ्टी के पीएसयू बैंक इंडेक्स में देखी गई। पीएसयू बैंक इंडेक्स 5.90% की गिरावट के साथ बंद हुआ। इसके अलावा, निफ्टी बैंक 2.77%, निफ्टी ऑटो 3.26%, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विस 2.90%, निफ्टी एफएमसीजी 1.26%, निफ्टी आईटी 1.12%, निफ्टी मीडिया 3.26%, निफ्टी मेटल 2.11%, निफ्टी फार्मा 1.57%, निफ्टी प्राइवेट बैंक 2.46% और निफ्टी रिएल्टी में 3.49% की गिरावट देखी गई।

सेंसेक्स टॉप लूजर्स

Security Name

LTP Chg

% Chg

बजाज फाइनेंस

3,414.75  -304.25

-8.18

ओएनजीसी

152.50 -8.75

 -5.43

हीरो मोटर कॉर्प

2,380.20  -133.40

 -5.31

मारूती

6,033.15  -331.60 

 -5.21

एटीपीसी

129.65  -6.80

 -4.98


 

निफ्टी टॉप लूजर्स 

Security Name

LTP

% Chg

बजाज फिनसर्व

7,581.90 

 -10.12

बजाज फाइनेंस

3,430.00

 -7.77

ओएनजीसी

152.50 

 -5.57

एनटीपीसी

129.20

 -5.35

हीरो मोटर कॉर्प

2,380.10

   -5.26

 

3 साल की सबसे बड़ी गिरावट के क्या है कारण?
फैक्टर 1:
बजट में आयकर पर अधिभार बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। इस वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) बाजार में बिकवाली करते नजर आ रहे हैं। सीबीडीटी के अध्यक्ष प्रमोद चंद्र मोदी ने कहा कि बोर्ड टैक्स सरचार्ज पर FPI की चिंताओं को दूर करने के लिए जल्द ही इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण जारी करेगा, लेकिन फाइनेंस मिनिस्टर ने बाद में कहा कि इस तरह की समीक्षा की जरूरत नहीं है।

फैक्टर 2:
पंजाब नेशनल बैंक में नए लोन फ्रॉड का पता लगने की खबर से बैंकिंग शेयरों में भारी बिकवाली देखी जा रही है। शेयर बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा कि "पीएनबी के खुलासे से बैंक के शेयरों को नुकसान पहुंचा है। हम यह नहीं जानते हैं कि इस तरह के NPA कितने और निकलेंगे, खासकर सरकारी बैंकों में।

फैक्टर 3:
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने बजट में पब्लिक शेयरहोल्डिंग की मिनिमम लिमिट को 25% से बढ़ाकर 35% करने का प्रस्ताव सेबी को दिया है। इससे 25% से कम पब्लिक होल्डिंग वाली हजारों कंपनियां प्रभावित होंगी, सबसे ज्यादा असर सरकारी कंपनियों पर होगा। पब्लिक सेक्टर कंपनियों में ऐसे कई बैंक हैं, जिनमें प्रमोटर्स की शेयरहोल्डिंग 75% की लिमिट पार कर गई हैं। ऐसे में सरकारी बैंकों के स्टॉक्स में इसका असर दिखाई दे रहा है।

फैक्टर 4:
बाजार में कई तरह की नकारात्मक खबरें भी आ रही है। मारुति ने वाहन उत्पादन में कटौती की घोषणा की है। इसके अलावा मानसून में कमी और खरीफ फसलों में बुवाई क्षेत्र में कमी जैसी खबरें बाजार को प्रभावित कर रही है। उपभोक्ता उत्पादों की कमजोर मांग बाजार के गिरने की एक वजह है। 

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