आर्थिक हारा-किरी: आनंद महिंद्रा ने कहा- लॉकडाउन बढ़ाना अर्थव्यवस्था के लिए होगा आत्मघाती

आर्थिक हारा-किरी: आनंद महिंद्रा ने कहा- लॉकडाउन बढ़ाना अर्थव्यवस्था के लिए होगा आत्मघाती

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-12 04:37 GMT
आर्थिक हारा-किरी: आनंद महिंद्रा ने कहा- लॉकडाउन बढ़ाना अर्थव्यवस्था के लिए होगा आत्मघाती

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के दिग्गज उद्योगपति और महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा का कहना है कि, कोरोना संकट के बीच राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन ने लाखों जिंदगियां बचाई हैं, लेकिन अब इसे और आगे बढ़ाना भारत के लिए ‘आर्थिक हारा-किरी’ यानी घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए आत्मघाती साबित होगा। इसकी वजह से समाज के कमजोर तबके की परेशानियां और बढ़ेंगी। पिछले कुछ दिनों में संक्रमण की दर कम तो हुई है, मगर नए मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।

आनंद महिंद्रा ने सोमवार को लगातार कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, अगर लॉकडाउन लंबी अवधि के लिए बढ़ा तो देश के सामने "आर्थिक हारा-किरी" का जोखिम होगा। एक कामकाजी और बढ़ती अर्थव्यवस्था आजीविका के लिए एक प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) की तरह है। लॉकडाउन प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है और यह हमारे समाज के कमजोर लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।

सामूहिक लड़ाई से लाखों की मौत टली
महिन्द्रा ने एक अन्य ट्वीट में कहा, बीते कुछ दिनों में कोरोना के नए मामलों की संख्या बढ़ी है। हमारी आबादी और बाकी दुनिया की तुलना में कम मामलों को देखते हुए जैसे-जैसे जांच बढ़ेगी, नए मामलों में बढ़त अपरिहार्य है, इसका मतलब यह नहीं है कि लॉकडाउन ने मदद नहीं की। भारत ने अपनी सामूहिक लड़ाई से लाखों लोगों की मौतों को टाला है। प्रति 10 लाख भारत की मृत्यु दर फिलहाल 1.4 है, जबकि वैश्विक औसत 35 और अमेरिका में औसत 228 है। लॉकडाउन से हमें चिकित्सा क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने का भी समय मिला है।

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बता दें कि, हारा-किरी शब्द का असली मतलब आत्महत्या होता है। जापान में जो युद्ध में पराजित होते थे वे बंदी बनाए जाने से बचने के लिए आत्महत्या कर लेते थे। इसी प्रथा को हारा-किरी कहते हैं।

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